हर गांव में मिल जाएंगे ऐसे लोग जो गांव के छोटे विद्यालय से पढ़कर ही बने बड़े अधिकारी। सच्ची निष्ठा से दायित्व निर्वहन नहीं होने के चलते ही बदनाम हो रहा यह गरिमामयी शिक्षक का पद। संस्कारयुक्त... Read more
गांव-समाज में अपनत्व के रिश्तों की कद्र करनी चाहिए। गांव वह स्थान है जहां हर वर्ग के लोग एक-दूसरे से दिल से अपनत्व की भावना रखते हैं। इस बात का एहसास तब होता है जब कोई परिवार... Read more
अतुल्य अयोध्या अयोध्या, जिसका शाब्दिक अर्थ है जिसे युद्ध में जीता ना जा सके। यह नाम पाषाण काल से ही अपने भविष्य की ओर संकेत कर रहा है,फिर भी इसे अनदेखा कर इसके भाग्य से छेड़छ... Read more
बलिया जनपद के बैरिया विधान सभा का उप नाम द्वाबा भी है। गंगा और घाघरा दो नदियों के बीच की धरती होने के चलते ही इसे सभी लोग आज भी द्वाबा के नाम से ही पुकारते हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में य... Read more
सर्व विदित है कि बलिया द्वाबा की माटी के ही चकिया निवासी प्रख्यात साहित्यकार डाॅ. केदारनाथ सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं किंतु उनकी एक-एक कविताएं जो खास कर बागी धरती बलिया के भुगोल से जुड़ी हैं... Read more
बलिया डेस्क : कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन में महानगरों की कंपनियों में काम-काज बंद होने के बाद यूपी-बिहार के लगभग कामगार अपने घर लौट चले हैं। कोई सरकारी व्यवस्था के तहत ट्रेन से... Read more