अब वह जमाना चला गया जब लोग बेटा होने पर खुश होते थे और बेटी होने पर मायूस हो जाते थे। अब तो हर घर में बेटियां एक परी की तरह मां-बाप, भाई बहन, दादा-दादी सबका प्यार पाती हैं। पिता उसे अपनी पलक... Read more
एलके सिंह, बलिया जेपी सेवा के माध्यम से समाज में बुनियादी बदलाव लाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अनेक प्रयोग किया। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन, चंबल के बागियों के बीच सत्... Read more
14वें वित्त, मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन का वार्षिक औसत निकाला जाए तो एक पंचायत को लगभग 20 लाख से 30 लाख रुपये मिलते हैं। इन्हीं पैसों से पानी की व्यवस्था, घर के सामने की नाली, सड़क, शौचालय,... Read more
हर गांव में मिल जाएंगे ऐसे लोग जो गांव के छोटे विद्यालय से पढ़कर ही बने बड़े अधिकारी। सच्ची निष्ठा से दायित्व निर्वहन नहीं होने के चलते ही बदनाम हो रहा यह गरिमामयी शिक्षक का पद। संस्कारयुक्त... Read more
देशी अपनाओ-देश बचाओ-संकल्प के साथ आप भी भारत सरकार से आग्रह करें कि वह 9 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व घोषित करे। बापू के आह्वान पर 9 अगस्त को इस देश का आम आदमी सड़कों पर उतर पड़ा था आज़ादी के लिए। इ... Read more
अतुल्य अयोध्या अयोध्या, जिसका शाब्दिक अर्थ है जिसे युद्ध में जीता ना जा सके। यह नाम पाषाण काल से ही अपने भविष्य की ओर संकेत कर रहा है,फिर भी इसे अनदेखा कर इसके भाग्य से छेड़छ... Read more
बलिया जनपद के बैरिया विधान सभा का उप नाम द्वाबा भी है। गंगा और घाघरा दो नदियों के बीच की धरती होने के चलते ही इसे सभी लोग आज भी द्वाबा के नाम से ही पुकारते हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में य... Read more
जिस समय भारत ने तिब्बत पर चीन की संप्रभुता स्वीकार की, उस समय हमने इन बातों को नजरअंदाज किया। हम चाउ-एन-लाई को कह सकते थे कि जो पुरानी संधिया हैं, उन पर आप हस्ताक्षर कर दीजिए। चंद्रशेखर की द... Read more
चंद्रशेखर ने नेहरू की चीन नीति के बारे में पूरे तथ्य और अकाट्य प्रमाण जुटाकर उनकी आलोचना की। उन्होंने चीनी सैन्य आक्रामकता के तुरंत बाद कोलंबो सम्मेलन में भारतीय और चीनी नेताओं के बीच हाथ मि... Read more
चंद्रशेखर पर हिंदी में जल्द छपकर आने वाली पुस्तक का यह संक्षिप्त अंश है। इसमें उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने भारत-चीन के बीच संबंधों को विस्तार से रखा है। तब के समय में पूर्व प्रधानमंत्री च... Read more