वाराणसी खंड के शिक्षक एमएलसी ने सरकार की व्यवस्था पर उठाए सवाल। एमएलसी ने वित्तविहीन शिक्षकों के हक की आवाज उठाने का दिया आश्वासन।
बलिया : प्रदेश में शिक्षा के गिरते स्तर व दुर्व्यवस्था में सरकार का बड़ा हाथ है। संविधान में शिक्षा पर छह प्रतिशत खर्च करने की व्यवस्था है, लेकिन सरकार ढ़ाई प्रतिशत भी नहीं खर्च कर पा रही है। बिना धन खर्च किए सुधार संभव नहीं है। यह बातें वाराणसी खंड के शिक्षक एमएलसी लाल बिहारी यादव ने कही। लाेकनिर्माण विभाग के डांकबंगला में संयुक्त पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों व पार्टी के कार्यकर्ताओं के कारण मैं एमएलसी बना हूं। मेरी प्राथमिकता माध्यमिक शिक्षा में 80 प्रतिशत जिम्मेदारी निभाने वाले वित्तविहीन शिक्षकों के हक की आवाज को बुलंद करना। सरकार की उदासीनता के कारण आज वे आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ माह से प्रबंधन या सरकार की ओर से काई मानदेय नहीं मिल रहा है। सरकार कम से कम जो लेबर का रेट 550 रुपये तय है, वही देने लगे तो उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है। मानदेय की मांग को लेकर जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के बाद सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षकों की उम्र 62 वर्ष से घटा कर 50 वर्ष कर रही है। जिसका हम मजबूती से विरोध करते रहेंगे। एक शिक्षक को नौकरी पाने में 45 वर्ष लग जा रहा है, सिर्फ पांच वर्ष की नौकरी के लिए कोई इतनी पढ़ाई व तैयारी क्यों करेगा। अखिलेश यादव ने जहां मदरसा शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया, आज केंद्र में बैठी भाजपा 55 माह से ग्रांड रोककर रखी है। इनकी नीतियों के कारण मदरसा शिक्षक भी भुखमरी के कगार पर हैं।
अखिलेश यादव के कार्यों के कारण जीते हैं चुनाव
स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा की अखिलेश यादव के कार्यो के कारण आज हम चुनाव जीते है। उन्होंने धरातल पर युवाओं, शिक्षकों, अधिवक्ताओं, छात्रों के लिए काम किया है। हम सरकार से बेरोजगार स्नातकों के लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की मांग करते है। साथ ही पुरानी पेंशन फिर लागू करने की मांग करते हैं। इस मौके पर जिला अध्यक्ष राजमंगल यादव, पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी, सनातन पांडेय, वंशीधर यादव, पूर्व अध्यक्ष यशपाल सिंह, राजन कन्नौजिया, विश्राम यादव, लक्ष्मण गुप्ता आदि मौजूद रहे।