हमने रामायण से सीखा है..सबको सम्मान देना चाहिए। प्रभु श्रीराम की विनम्रता से प्रभावित होकर ही केवट, जटायु, संपाती, शबरी, वानर, रीछ आदि कई जनजातियों ने साथ दिया। भगवान श्री राम भी अपने जीवन में सभी से समान और सम्यक व्यवहार रखे। उनका विनम्र आचरण, अपने से बड़े व छोटों को सम्मान देने के संस्कार..हमें भी यह सीख देते हैं कि राजनीति में भी हमें विचारों से नेक होना चाहिए। ग्राम पंचायत कोड़रहा नौबरार की जनता हमारे लिए भगवान है।
अपनी बात..
गांव में हर वर्ग के बीच नैतिक बंधन की ऐसी डोर बधी होती है जिसे कोई चाह कर भी नहीं तोड़ सकता। सभी वर्ग के लोगों के साथ बचपन से रहा हूं। खुद के संघर्षों के बदौलत जीवन में कुछ हासिल किया। मन में सिर्फ सेवा का भाव है। मै पंचायत में ऐसे समाज की स्थापना करूंगा जिसमें किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं होगा। अपने पंचायत कोड़रहा नौबरार में राजनीतिक लाभ के लिए सामाजिक व नैतिक बंधन की मजबूत डोर को कभी नहीं टूटने दूंगा। यह पंचायत मेरा आंगन है और पंचायत के लोग मेरे अभिभावक। मै ग्राम पंचायत यानि गांव के महत्व को बखूबी समझता हूं। एक पंचायत में हर वर्ग के लोग आपस में मिलकर रहते हैं। एक-दूसरे के दुख-सुख में सामान्य रूप से शामिल होते हैं। सभी वर्ग के लोगों के साथ बचपन से रहा हूं। खुद के संघर्षों के बदौलत जीवन में कुछ हासिल किया। मन में सिर्फ सेवा का भाव है। मै पंचायत में ऐसे समाज की स्थापना करूंगा जिसमें किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं होगा। विकास की बातें होंगी, हर टोले का विकास होगा। युवाओं के दिन संवरेंगे, बुजुर्गों का सम्मान होगा। गांव के बुजुर्ग हमारे जन्मदाता हैं। उनकी हर सुविधाओं का ख्याल रखना मेरा परम धर्म है। उनका सम्मान बढ़ेगा तभी मेरा सम्मान बढ़ेगा। बिना पद के भी असहाय लोगों की सेवा करना मेरा धर्म रहा है। पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क आदि की व्यवस्था तो दुरूस्त होगी ही, गांव के युवाओं के खेलने के लिए हर सुविधा से लैस एक खेल का मैदान होगा। गांव के बुजुर्ग एक स्थान पर बैठकर आपस में बात कर सकें, अखबार पढ़ सकें, टीवी देख सकें, गांव के विषय में उचित निर्णय ले सकें, इसके लिए हर सुविधा से लैस एक अलग भवन की स्थापना कराऊंगा।
पंचायत में एंबुलेंस की व्यवस्था
जन सुविधाओं के लिए अपने निजी कोष से लाखों की बजट से हर सुविधा से लैस एक एंबुलेस पंचायत की जनता के लिए अस्पताल को दान करने की मेरी तैयारी हैं। अभी उसमें कुछ काम चल रहा है। बहुत जल्द यह एंबुलेस जनता की सुविधाओं के लिए अस्पताल को समर्पित हो जाएगा। आप सभी को पता है जब पंचायत में कोई घटना होती है या किसी की तबियत खराब होती है तो पंचायत के लोग एंबुलेंस के लिए फोन करते रह जाते हैं लेकिन समय से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाता। एंबुलेस के अभाव में कई लोगों की रास्ते में ही जान चली जाती है। इस सुविधा को मैने सबसे अहम माना और उसे पूरा करने जा रहा हूं। इसी तरह हर एक घोषणाएं पूरा करके दिखाऊंगा। मेरी आदत रही है कुछ बोलने से ज्यादा मै करके दिखाने में विश्वास रखता हूं। आपके आशीर्वाद की अपेक्षा है ताकि मैं अपने कर्तव्य पथ पर सदैव चलता रहूं।
रामबाबू यादव, ‘राम’ (लेखक जेपी के गृह पंचायत कोड़रहा नौबरार के समाजसेवी हैं)