बैरिया : यह कौन सी आफ़त मानव जाति पर आ गिरी है। डेढ़ साल गुज़र जाने के बाद, इंसानियत के अश्क बहने बंद नहीं हुए हैं। पहले बड़ी से बड़ी बीमारी होने पर भी, इन्सान इतनी जल्दी साथ नहीं छोड़ता था। दिल और जिगर का आपरेशन होने के बाद भी मरीज़ वर्षों तक हमारे बीच जीवित रहता था। मगर कोरोना वायरस एक पल के अन्दर घर का घर तहस नहस कर रहा है। कोरोना महामारी से हर तरफ मौत के नए-नए किस्से सामने आ रहे हैं। इसी क्रम में दोकटी थाना क्षेत्र के दलन छ्परा पासवान बस्ती में कोरोना के कारण पूनम देवी पत्नी स्व. संतोष पासवान की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद पूरा परिवार टूट गया। तीन पुत्रियां व एक मासूम पुत्र अपनी मां के शव को एकटक देख रहे थे। गरीब का कुनबा था इसलिए बहुत से लोग उस घर तक भी नहीं पहुंच रहे थे।
इस घर के आर्थिक हालात भी कुछ अच्छे नहीं हैं। एक बुजुर्ग बेवा दादी फुलेसरी देवी के ऊपर अब सभी के देखभाल की जिम्मेदारी है। इस घटना के बाद मासूम बेटे ने जब अपनी मां को मुखाग्नि दी तो गांव के लोग भी मर्माहत हो चले। गांव की ओर से किसी ने इस बात की सूचना बैरिया विधान सभा के सपा नेता सूर्यभान सिंह को दी। उन्होंने उदारता का परिचय देते हुए अपनी ओर से 20 हजार की मदद की और आगे भी सहयोग का भरोसा दिया, लेकिन सरकार की ओर से इस घर तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों के पांव अभी तक नहीं पहुंचे हैं। विधान सभा में ऐसे और भी कई परिवार हैं जो कोरोना महामारी में पूरी तरह टूट गए हैं लेकिन वह घर के अंदर अपनी इज्जत ढ़ंकते हुए तंगी से जी रहे हैं। कोरोनाकाल में हर जगह यह बात भी सुनने को मिल रही है कि इस महामारी में ही अपनों की असल पहचान हो पा रही है। अच्छे दिनों में तो सभी अपने ही होते हैं। इस घटना के बाद सपा के बैरिया सचिव व पूर्व प्रधान राजनरायन पासवान, प्रधान दशरथ साह, प्रधान सुग्रीव पासवान रवींद्र गोंड़, सियाराम पासवान, दुर्गाचरण सिंह, भुआल आदि सहित सैकड़ों लोगों ने सूर्यभान सिंह के इस नेक पहल की सराहना की है।