लोकसभा में सांसद, विधान सभा में विधायक की जैसी भूमिका होती है उसी तरह ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सदस्य की भी भूमिका होती है। पंचायत सदस्य चाहें तो क्या नहीं कर सकते लेकिन वे अपना दायित्व ही भूल जाते हैं। इस वजह से गांव की सरकार एकतरफा चलने लगती है और विकास भी मनमाने तौर पर होने लगता है।
बलिया : गांव के विकास में ग्राम पंचायत की अहम भूमिका होती है। लोकसभा और विधानसभा की तरह ग्राम पंचायत की भी सरकार है। लोकसभा में सांसद, विधान सभा में विधायक की जैसी भूमिका होती है उसी तरह ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सदस्य की भी भूमिका होती है। 26 जनवरी 1950 को लागू संविधान में केंद्र और राज्य सरकार की बात कही गई थी। 1992 में 73वें संविधान संशोधन के साथ एक और सरकार के गठन की व्यवस्था की गई। उत्तर प्रदेश में तीसरी सरकार के लिए 22 अप्रैल 1994 को त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई। यह तीन स्तर हैं जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत। ग्राम पंचायत में अब तो बहुत से अधिकार दे दिए गए हैं। प्रधान और ग्राम प्रधान चाहें तो पंचायत में क्या नहीं हो सकता लेकिन ग्राम पंचायत में सदस्यों की एक तरह से अहमियत ही समाप्त होते जा रही है। अधिकांश पंचायतों में प्रधान अपने मन की करते हैं। ग्राम पंचायत सदस्य भी अपने कर्तव्य पथ पर दौड़ते हुए नजर नहीं आते। यही कारण है कि गांव की सरकार पूरी तरह एकतरफा चलने लगती है।
ग्राम पंचायत सदस्यों को है बड़ा अधिकार
ग्राम पंचायत ग्राम सभा का एक मंत्रिमंडल होता है। इसमें ग्राम पंचायत सदस्यों को भी बड़े अधिकार दिए गए हैं। ग्राम सभा के दो तिहाई सदस्य चाहें तो चुने हुए प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें वापस बुला सकते हैं। गांव के विकास संबंधी मानमाने प्रस्ताव या भ्रष्टाचार पर रोक लगा सकते हैं लेकिन ग्राम पंचायत सदस्य ऐसा न कर पूरी तरह प्रधान के अधीन होकर काम करने लगते हैं।
ग्राम सभा में बैठक का यह है नियम
ग्राम सभा की बैठक वर्ष में दो बार आवश्यक है। एक बैठक खरीफ की फसल कटने के तुरंत बाद तो दूसरी रबी की फसल कटने के बाद होती है। बैठक की सूचना 15 दिन पहले देना अनिवार्य है। बैठक में कुल सदस्यों के पांचवें भाग के बराबर सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। ऐसा न होने पर कोरम पूरा नहीं माना जाता है। कोरम के अभाव में बैठक रद्द होने के बाद दूसरी बैठक के लिए कोरम की आवश्यकता नहीं होती है। बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान करते हैं। बैठक की कार्रवाई रजिस्टर में हिन्दी में लिखी जाती है। इसकी कॉपी सात दिन में एडीओ पंचायत को देना आवश्यक होता है। महीने में एक बार ग्राम पंचायतों के सदस्यों की बैठक पंचायत भवन सामुदायिक भवन या फिर किसी मंदिर सार्वजनिक स्थल पर होना आवश्यक है। बैठक के दिन से 5 दिन पहले ही सभी सदस्यों को लिखित सूचना मिल जाना जरूरी है।
शपथ के बाद पंचायतों में समितियों का दायित्व
प्रधानों का शपथ ग्रहण होने के बाद पंचायतों में अब समितियों का गठन हो चुका है। ग्राम पंचायत सदस्यों को जिम्मेदारियां भी दी जा रही हैं। वर्तमान में अभी 6 समितियों का गठन किया गया। आइए जानते हैं वह कौन-कौन सी समितियां हैं, उसका अध्यक्ष कौन होता है और उसके कार्य क्या है ?
1-नियोजन एवं विकास समिति
नियोजन एवं विकास समिति में ग्राम पंचायत की योजना तैयार होगी। कृषि पशुपालन व गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रम संचालित होंगे। प्रधान सभापति और छह अन्य सदस्य में एससी, महिला व पिछड़े वर्ग का एक सदस्य जरूरी है।
2-शिक्षा समिति
शिक्षा समिति में प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा, साक्षरता से सम्बंधित काम होंगे। उप प्रधान सभापति होंगे।
3-निर्माण कार्य समिति
निर्माण कार्य समिति में सभी निर्माण कार्य कराना और गुणवत्ता सुनिश्चित करना होगा। इसमें ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य सभापति होंगे।
4-स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति
स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति में चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण विशेष रूप से महिला एवं बाल कल्याण की योजनाओं का संचालन होगा। साथ ही एससी, एसटी व पिछड़े वर्गकी उन्नति एवं संरक्षण का काम भी होगा। ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य सभापति होंगे।
5-प्रशासन समिति
प्रशासन समिति में कर्मियों संबंधी सभी विषय व राशन की दुकान संबंधी कार्य होंगे। प्रधान इसके सभापति रहेंगे।
6-जल प्रबंधन समिति
जल प्रबंधन समिति में राजकीय नलकूपों का संचालन व पेयजल सम्बंधी कार्य होंगे। ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य ही सभापति होंगे।
प्रधानों के लिए सीएम योगी का संदेश
प्रधानों का शपथ ग्रहण के बाद सभी प्रधानों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने एवं ग्राम ग्राम प्रधानों को कोरोना से निपटने की दिश में कई टिप्स दिए। ग्राम सभा में निगरानी समितियों को सक्रिय करते हुए उन्होंने प्रधानों से कहा है कि ग्राम सभा को सेनिटाइज करना, सफाई रखना एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने पर ग्राम प्रधान ध्यान दें लेकिन जनपद में इस दिशा में काफी कम पंचायतों में सैनिटाइज का काम हुआ। बहुत से प्रधान तो शपथ लेने के साथ ही जनता से पूरी तरह कट गए हैं।