गंगा नदी में शव मिलने के मामले में रिटायर्ड आईएएस ने किया है ट्वीट। लखनऊ नोटिस लेकर गई थी बलिया पुलिस, नोटिस पर भी किया व्यंग्य। बुलंदशहर के रहने वाले सूर्य प्रताप सिंह 1982 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं और उत्तर प्रदेश में कई विभागों में सेवाएं देने के बाद 2015 में रिटायर हुए थे। पूर्व अधिकारी के मुताबिक 25 साल के कैरिअर में उनका 54 बार तबादला हुआ है। उनकी अंतिम पोस्टिंग यूपी सरकार के सार्वजनिक उद्यम विभाग में प्रमुख सचिव और सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में थी।
बलिया : गंगा नदी में मिले शव के मामले में ट्वीट करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह को बलिया पुलिस ने ट्विटर के जरिये के महामारी फैलाने के आरोप में नोटिस जारी किया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने बताया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के विरुद्ध बलिया शहर कोतवाली में गत 12 मई को कोतवाली प्रभारी बाल मुकुंद मिश्र की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 व सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।
https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1403179882566148099?s=20
इसके जवाब में सूर्य प्रताप सिंह ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि यूपी सरकार ने 7वीं एफआईआर सबसे दूर के जनपद बलिया में की है। लखनऊ से बलिया की दूरी छोटे से छोटे मार्ग से भी करूं तो आने जाने में 15 से 16 घंटे लगेंगे। नियत परेशान करने की है। सवाल खड़ा किया है..क्या ये ही लोकतंत्र है। क्या ये ही अभिव्यक्ति की आजादी है। रास्ता बहुत खराब है, गड्ढामुक्त नहीं है। मगर खुशी है कि ‘बागी बलिया’ जा रहा हूं। 1942 में भारत का तिरंगा फहराने वाला बलिया देश का पहला जिला बना। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने में बलिया का इतिहास स्वर्णिम है और दिल बड़ा है। उन्होंने ऋषि भृगु की धरती व पवित्र मां गंगा को भी प्रणाम किया है।
दुबहर के निरीक्षक कर रहे विवेचना
इस मामले की विवेचना दुबहर थाना के निरीक्षक अनिल चन्द्र तिवारी द्वारा की जा रही है। निरीक्षक अनिल चंद्र तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा विवेचना में मिले साक्ष्यों के बाद रिटायर्ड अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के विरुद्ध आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के साथ ही 3 महामारी अधिनियम व 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा की बढ़ोत्तरी की गई है। विवेचना में रिटायर्ड अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के विरुद्ध आरोप के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में कई साल पहले एक अंग्रेजी अखबार की प्रकाशित फोटो को बलिया जिले की वर्तमान समय की फोटो प्रदर्शित कर पोस्ट किया है। विवेचना में मिले साक्ष्यों के मद्देनजर रिटायर्ड अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह को पुलिस द्वारा नोटिस जारी किया गया है। उनसे इस मामले में अपनी सफाई व बयान देने को कहा गया है। उपनिरीक्षक हरिशंकर मिश्रा लखनऊ गए थे बयान लेने लेकिन वे बोले विवेचक के सामने बलिया आकर बयान देंगे या लिखकर भेज देंगे। अभी तक उन्होंने आने के लिए एसएचओ से संपर्क नहीं किया है।
नोटिस मिलने के बाद कही यह बात
रिटायर्ड अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने इसको लेकर ट्वीट किया है..मैं अपने जूनियर अफसरों से काफी निराश हूं। उन्हें कानून तक की जानकारी नहीं है। फिलहाल खबर यह है कि उन्नाव वाले मामले में ही मेरे ऊपर सातवीं एफआईआर बलिया में भी हो चुकी है और आज बलिया पुलिस मेरे घर आकर मुझे थाने आने का नोटिस दे गई। लगता है मोस्ट वांटेड का तगमा मिलने ही वाला है।