2019 में दूबे छपरा में टूटा था रिंग बांध, दिये थे कटान रोधी प्रोजेक्ट की सौगात। 2020 में कोरोना संक्रमण से जूझते जिले को उबारने को प्रशासन से मांगा था प्रोजेक्ट। स्वास्थ्य व्यवस्था में कुछ बदलाव तो दिख रहा है लेकिन अन्य मामलों में बलिया आज भी काफी पीछे हैं। मुख्यमंत्री योगी सुबह 11.10 बजे बलिया आ जाएंगे। इसके बाद वह जिला अस्पताल व कोविड, नॉन कोविड, पीकू (पीडियाट्रिक इंसेटिव केयर यूनिट) वार्ड व वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण करेंगे। यहां से वे एक गांव की स्थिति देखेंगे, उनका गांव में आधा घंटा समय गुजरेगा। बाद में विकास कार्य, कानून व्यवस्था व कोविड नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा भी करेंगे। इसमें पुलिस, स्वास्थ्य व प्रशासनिक अफसरों के अलावा जनप्रतिनिधियों की भी भागीदारी होगी। वे दोपहर 3.10 बजे बलिया से निकलेंगे।
बलिया : मुख्यमंत्री योगी का यह तीसरा दौरा होगा। वे हमेशा आपदा की घड़ी में पहुंचे थे। वह 2019 में 17 सितंबर तब दूबे छपरा में तब आए थे, जब रिंग बंधा टूट गया था। 50 हजार की आबादी संकट से घिर गई। दूसरी बार कोरोना की पहली लहर में 26 जुलाई 2020 को बलिया पहुंचे। शुक्रवार को वे फिर जिले में आ रहे हैं, इस वक्त भी जिला कोरोना से परेशान हो चुका है। यहां के विकास में जितना धन खर्च हुआ, अगर उतना काम धरातल पर हो जाए तो विकास की सूरत बदल जाएगी।
जिला अस्पताल में दिख रहा बदलाव
कोरोना काल में जिला अस्पताल में बहुत कुछ बदलाव हुआ है। अस्पताल में सिटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे, ब्लड जांच, डायलिसिस की सुविधा बढ़ने से लोगों को लाभ मिल रहा है लेकिन जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 18 सीएचसी, 13 पीएचसी, 66 न्यू पीएचसी, 02 अरबन अस्पतालों पर सुविधाओं का अभाव अभी भी है।
वैक्सीनेशन सेंटर
जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में वैक्सीनेशन सेंटर है। यहां टीकाकरण के लिए दो टेबल लगाए गए हैं। वहीं पर अपनी तिथि के अनुसार लोग वैक्सीन की डोज लगवा रहे हैं।
तैयार हो रहा पीकू वार्ड
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड को पीकू वार्ड बनाया जा रहा है। 10 आईसीयू बेड तैयार किए जा रहे हैं। ग्रामीण सीएचसी और पीएचसी केंद्रों पर भी पांच-पांच बच्चों के लिए आईसीयू बेड तैयार करना है लेकिन अभी उस दिशा में कार्य प्रगति पर नहीं है।
एनएच-31 के चलते बलिया बदरंग
सड़क निर्माण को लेकर यह सरकार जरूर गंभीर है लेकिन बलिया में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 की मरम्मत को लेकर चार साल से लोग आंदोलनरत हैं। यह एनएच-हल्दी से मांझी घाट तक लगभग 35 किमी में 100 फीसद खराब है। गाजीपुर से मांझी घाट तक लगभग 130 किमी के मरम्मत कार्य का टेंडर जून 2020 में किया गया था। अवधि एक साल और बजट 102 करोड़ है। कार्य में तेजी नहीं होने से बलिया की सूरत बदरंग है।
डूब रहा शहर, चाहिये जलजमाव से मुक्ति
बलिया के लोगों को सीएम से उम्मीदें हैं। शहर के लोग जलजमाव और जाम की समस्या से त्रस्त हैं। बारिश के दौरान शहर के कई मोहल्ले डूबे रहते हैं। बलिया को मेडिकल कालेज की सौगात भी सरकार से आज तक नहीं मिली। मुख्यमंत्री से सभी लोग उम्मीद लगाए हुए हैं कि वह इस पर गंभीरता से विचार करेंगे।
गोशाला में चाहिये पशुओं की देखभाल
जनपद में ब्लाकस्तरीय 16 और 10 शहरी क्षेत्रों में गो आश्रय केंद्र बनाए गए हैं, इससे किसानों को कुछ राहत जरूर मिली है लेकिन गो आश्रय केंद्रों में पशुओं की देखभाल में लापरवाही बरती जा रही है।
गेहूं क्रय केंद्र में खत्म करिये लापरवाही
जनपद में 71 क्रय क्रेंदों पर 15 जून तक 84932 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है उसके बाद मंडी के चार क्रय केंद्रों पर 22 जून तक गेहूं की खरीद होनी है। क्रय केंद्रों की दुश्वारियों को लेकर किसानों में इस बार व्यपक नाराजगी देखने को मिल रही है। जनपद के सभी क्रय केंद्रों को 30 जून तक चालू रखा जाए।
किसान सम्मान निधि में गड़बड़ी
जनपद में 426281 किसान पंजीकृत हैं, इसमें 18 हजार किसानों का खाता या आधार आदि की गड़बड़ी के चलते उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल रहा है लेकिन शेष सभी को यह लाभ क्रमश: मिल रहा है।