18 जून को मुख्यमंत्री के बलिया आगमन के दौरान उठा था मुद्दा। शुक्रवार की शाम मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा और मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद ने अस्पताल पर पहुंच कर गहन निरीक्षण किया। अस्पताल की व्यवस्था बदलने पर किया मंथन।
बलिया : विगत 18 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बलिया आगमन के दिन जेपी के गांव के अस्पताल की बदहाली का मुद्दा भी उठा था। इसे मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। लंबे समय से विभाग द्वारा उपेक्षित इस अस्पताल के कायाकल्प के उद्देश्य से शुक्रवार की शाम मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा और मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद ने अस्पताल का गहन निरीक्षण किया। यहां जो भी कमियां दिखीं, उसे अंकित कर तत्काल व्यवस्था बदलने लिए लोगों को आश्वस्त किया। इससे लोगों में उम्मीद जगी हैं।
गांव के लोगों ने बयां की अस्पताल की बदहाली
गांव के लोगों ने बताया कि यह अस्पताल लगभग 50 हजार की अबादी के बीच दलजीत टोला में स्थित है। वर्ष 2016 में 30 बेड के इस अस्पताल का लोकापर्ण सीएचसी के रूप में हुआ लेकिन व्यवस्था पीएचसी की तरह की रह गई। अस्पताल में मरीजों की कौन कहे, यहां तैनात डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की जिंदगी भी नारकीय है। डाक्टर आवास तक में न बिजली है, न पानी की व्यवस्था। तैनाती के नाम पर दो डाक्टरों सहित कुल आठ स्टाफ हैं। यहां एक्सरे मशीन नहीं है लेकिन तकनीशियन की तैनाती है। अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम या अन्य महत्वपूर्ण दवाओं को रखने के लिए एक फ्रिज तक विभाग ने नहीं दिया है। स्टाफ की कमी से शौचालय व अस्पताल परिसर में भी गंदगी का अंबार है। जितने संधासन हैं उतने में चिकित्सक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सच्ची निष्ठा से करते हैं लेकिन गंभीर रोगियों को यहां से बलिया 54 किमी या छपरा 35 किमी दूर जाने की विवशता है।
खुद की है पानी टंकी, नहीं होती सप्लाई
पूरे अस्पताल में पानी की बेहतर सप्लाई के लिए खुद की पानी टंकी का निर्माण हुआ है लेकिन बनने के समय से ही टंकी में लिकेज है। उसे विभाग ने आज तक ठीक नहीं कराया और न ही कार्य कराने वाली संस्था पर कोई कार्रवाई हुई। ऐसे में मात्र एक हैंडपंप से सभी का कार्य चलता है।
बहुत जल्द बदलेंगी अस्पताल की व्यवस्था
शासन के निर्देश पर निरीक्षण करने पहुंचे सीडीओ प्रवीण वर्मा और सीएमओ डा. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि बहुत जल्द इस अस्पताल की व्यवस्था बदलेंगी। यहां पर्याप्त स्टाफ की तैनाती के साथ ही उपचार के सभी जरूरी उपकरण भी तत्काल उपलब्ध कराए जाएंगे। परिसर की साफ-सफाई के लिए भी उन्होंने निर्देशित किया। अधिकारियों ने कहा कि यहां के प्रधान से मिलकर सफाई और परिसर के गड्ढे को भरवाने की व्यवस्था करें। निगरानी समिति के बारे में भी जानकारी ली।
अस्पताल के पुराने इतिहास को भी समझा
निरीक्षण के दौरान सीडीओ ने अस्पताल परिसर में खड़ी पुरानी इमारतों के इतिहास के बारे में भी गांव के लोगों से जानकारी ली। गांव के लोगों ने बताया कि इस अस्पताल के लिए दलजीत टोला गांव के लोगों ने जमीन दान किया था और यहां सेवादास धाम के संत रहे सागर दास, आचार्य विनोबा और जयप्रकाश नारायण की अगवाई में अस्पताल की नींव डाली गई थी। जब तक पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जीवित रहे अस्पताल की व्यवस्था पीएचसी होने के बावजूद ठीक रहती थी लेकिन उनके निधन के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि इस अस्पताल पर ध्यान नहीं दिए। विभाग की ओर से भी जरूरी सुविधाओं पर अमल नहीं किया जाता।
आदर्श सीएचसी बनाने पर हो रहा मंथन
अधिकारियों के साथ निरीक्षण में पहुंचे मुरलीछपरा के चिकित्साप्रभारी डा. देवनीति सिंह ने कहा कि जेपी के गांव के अस्पताल को एक आदर्श सीएचसी के रूप में तब्दील करने की तैयारी चल रही है। यहां की बड़ी आबादी को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए तैनात चिकित्सक डा. पवन सिंह की भी सराहना की। इस मौके पर गांव के दर्जनों लोग मौजूद रहे।