एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया हुई तेज, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे मांझी घाट तक जाएगा। एनएच-31 की दशा में होगा बदलाव। एक साल पहले टेंडर होने के बाद भी एनएच की मरम्मत में नहीं आई तेजी। बलिया शहर से लगभग 10 किमी दूर एनएच-31 से जुड़ेगा बलिया लिंक एक्सप्रेस वे।
बलिया : जनपद में एक्सप्रेस वे की दो सौगातों को लेकर असमंजस है। कौन सा एक्सप्रेस वे कहां तक बनेगा, यह उलझन अब सुलझ गई है। बलिया को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे की सौगात दी है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेस वे की लंबाई करीब 30 किलोमीटर होगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुडकर निकलने वाला यह एक्सप्रेस वे बलिया शहर से लगभग 10 किमी दूर एनएच-31 पर खत्म होगा। पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग-31 को फोर लेन में तब्दील करने के संबंध में एनएचएआई के तकनीकी प्रबंधक योगेंद्र प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया कि यह सड़क दो लेन ही रहेगी। मरम्मत के बाद पटरियों को भी बेहतर बनाया जाना है।
118 किमी का होगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे
केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जिले को ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे की सौगात दी है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे गाजीपुर से माझी तक 118 किमी में बनेगा। यह बिहार छपरा के रिविलगंज बाईपास से जुड़ेगा। इस एक्सप्रेस वे के लिए मांझी में जयप्रभा सेतु से अलग एक सेतु का निर्माण सरयू नदी में होगा। इसकी लागत पांच हजार करोड़ है। यह एक्सप्रेस वे गाजीपुर के शाहपुर से निकलेगा और चितबड़ागांव, माल्देयपुर, नगवां, हल्दी, सोनवानी होते हुए दया छपरा, टेंगरहीं बिड़ला बांध, मठ योगेन्द्र गिरी के रास्ते मांझी घाट तक जाएगा और उससे आगे बिहार के रिविलगंज में नए प्रस्तावित बाईपास से जुड जाएगा।
एनएच-31 की दशा से बलिया बदरंग
दो एक्सप्रेस वे की सौगात से बलिया के लोग खुश हैं लेकिन चार साल से उखड़े एनएच-31 की दशा से बलिया बदरंग है। इस सड़क पर हजारों लोग रोज फजीहत झेल रहे हैं। गत वर्ष जून में ही 102 करोड़ से मरम्मत के लिए जयपुर के ममर्स कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर को टेंडर दिया गया है लेकिन पूरे एक साल में यह कंपनी मात्र 20 किमी में सड़क की मरम्मत कर पाई है। सड़क को लेकर सरकार की व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।