इस चुनाव में वार्डों से चुने गए 58 सदस्य ही मतदान करेंगे। दोनों दलों ने इसे प्रतिष्ठा का सीट बना लिया है। सपा के प्रत्याशी के रूप में कद्दावर नेता अंबिका चौधरी के बेटे हैं, वहीं दूसरे तरफ से सत्ता पक्ष की ओर से सुप्रिया चौधरी हैं।
बलिया : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। मंगलवार को कोई पर्चा वापस नहीं हुआ। अब सपा प्रत्याशी आनंद चौधरी व भाजपा की सुप्रिया चौधरी के बीच सीधी टक्कर होगी। इस चुनाव में वार्डों से चुने गए 58 सदस्य ही मतदान करेंगे। दोनों दलों ने इसे प्रतिष्ठा का सीट बना लिया है। सपा के प्रत्याशी के रूप में कद्दावर नेता अंबिका चौधरी के बेटे हैं, वहीं दूसरे तरफ से सत्ता पक्ष की ओर से सुप्रिया चौधरी हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अपने पाले में करने की जुगत में बलिया के सभी नामी नेता लग चुके हैं। एक-एक जिला पंचायत सदस्य पर नजर रखी जा रही है। जनता के बीच ईमानदारी का ढ़ोल पीट कर जिला पंचायत सदस्य भी इस समय धन कुबेर की ढ़ेर पर बैठे दिख रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद वह अपनी जनता से यह नहीं पूछ रहे कि उन्हें वोट किसे देना चाहिए। इस चुनाव में धन और बल का प्रयोग भी खुले तौर पर दिख रहा है।
देवकली पहुंचे पूर्व मंत्री नारद राय
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खींचातानी शुरू हो गई है। देवकली में जिला पंचायत सदस्य उपेंद्र गोंड के घर रात को पुलिस पहुंची थी। पूर्व मंत्री नारद राय सदस्य के दरवाजे पर पहुंच गए। उन्होंने उनकी पत्नी से पुलिस के आने के बाबत जानकारी ली।
निर्णायक हो सकती आधी आबादी
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में आधी आबादी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कारण कि 24 सीटों पर महिलाओं का कब्जा है। ऐसे में इस चुनाव में इन महिला सदस्यों का अहम रोल होने की उम्मीद है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस चुनाव में महिला प्रत्याशी भी मैदान में हैं। देखना होगा कि यह 24 मत किसके पक्ष में जाता है। हर किसी की निगाह मतदान के दिन पर टिकी है। महिला मतदाताओं के दरवाजे पर प्रत्याशी व समर्थक दस्तक देने लगे लगे हैं। राजनीतिक जानकारी मान रहे कि इस चुनाव में निर्णायक की भूमिका ये महिला सदस्य ही रहेंगी। इधर प्रशासन भी दलों के हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है।