विश्वविद्यालय में चंद्रशेखर नीति अध्ययन केंद्र व शोध पीठ की हुई स्थापना। ऑनलाइन व्याख्यान में अध्ययन केंद्र एवं शोध पीठ पर हुई विस्तृत चर्चा। जेपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने चंद्रशेखर के भोजपुरी अंदाज को सराहा। बोले..अध्ययन केंद्र में गांधी-लोहिया के साथ कबीर-नागार्जुन एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी के विचार भी प्रवाहित होते रहेंगे।
बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्विद्यालय में शोध के नए अवसर उपलब्ध कराने एवं राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जनपद की शैक्षणिक पहचान कायम करने के निमित्त “चंद्रशेखर नीति अध्ययन केंद्र एवं शोध पीठ की स्थापना नए तीर्थ के सामान है। इसके केंद्र में ऐसा व्यक्तित्व है, जिसके व्यक्तित्व में गांधी-लोहिया के साथ कबीर-नागार्जुन एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी के विचार प्रवाहित होते हैं। यह बातें जयप्रकाश विश्विद्यालय छपरा पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने कही। वह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो कल्पलता पांडेय की अध्यक्षता में ऑनलाइन व्याख्यान में अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि जननायक चंद्रशेखर के नाम पर ऐसे उच्चतम अध्ययन केंद्र की स्थापना कई मायनों में विशिष्ट है। यह सुखद लगता था कि युवा तुर्क हमेशा देश के लोगों से देश भाषा एवं प्रदेश के लोगों से भोजपुरी में बात करते थे।
शोधकर्ताओं को हर तरह से होगा सहयोग
कार्यक्रम में नवनिर्मित शोध पीठ के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने अध्ययन केंद्र के लक्ष्यों एवं विस्तृत उद्देश्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि-इस शोध पीठ के मुख्य रूप में दो भाग है। इसका पहले भाग में चंद्रशेखर के व्यक्तित्व-कृतित्व एवं उनके सामाजिक विचारों को समाहित किया गया है, वहीं दूसरे भाग भोजपुरी भाषा एवं लोक साहित्य को समर्पित किया गया है।
उन्होंने भोजपुरी भाषा एवं साहित्य में नामवर सिंह से लेकर केदारनाथ सिंह का उल्लेख किया। बाबा नागार्जुन की “खिचड़ी विप्लव देखा हमने” की तुलना चंद्रशेखर की “जेल डायरी” से की। कहा कि इस शोध पीठ के लिए नामित सदस्यों में मुख्य रूप में राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, राज्य सभा सदस्य नीरज शेखर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष राम बहादुर राय हैं। इसके अलावा डॉ. सानंद सिंह, डॉ. अजय बिहारी पाठक, डॉ. रामावतार उपाध्याय, डॉ. मनजीत सिंह एवं डॉ. पंकज कुमार सिंह तथा डॉ संजय एकजुट होकर इस शोध पीठ की लक्ष्य प्राप्ति में अपना योगदान देंगे।
कार्यक्रम में ये रहे शामिल
डॉ. राम कृष्ण उपाध्याय, डॉ. संजय, डॉ. जैनेंद्र पांडेय, डॉ. मान सिंह, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. अशोक मिश्र, डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ. दिव्या मिश्रा, डॉ. संजय मिश्रा, डॉ. मान सिंह, प्रशांत सिंह, डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. प्रमोद पांडेय, डॉ. राजेन्द्र पटेल, विमल कुमार यादव, उमेश यादव शामिल रहे। संचालन डॉ. सानंद सिंह व आभार व्यक्त सहसंयोजक डॉ. अजय बिहारी पाठक ने किया।