भाजपा और सपा के नेताओं में हर मोड़ पर हुआ टकराव। समीकरण बनाने में जुटे थे दोनाें तरफ के कद्दावर नेता, होती रही जोर आजमाइस। सपा के आनंद चौधरी को 33 और भाजपा की सुप्रिया चौधरी को 24 मत मिले। सपा ने बाजी मार ली। उधर प्रदेश भर में बीजेपी ने 75 में से 67 सीटों पर कब्जा कर लिया है।
बलिया : जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में यह पहला मौका था जब भाजपा और सपा आमने सामने दिखी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा-बसपा में टकराव रहा है लेकिन भाजपा इतनी मजबूती से कभी नहीं उतरी थी। चुनाव फतह करने के लिए दोनों तरफ से जोर आजमाइस में कोई कमी नहीं रखी गई थी।
भाजपा से सुप्रिया चौधरी तो सपा से पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी के पुत्र आनंद चौधरी पर दांव लगाया था। चुनाव के दौरान दोनों दलों के कद्दावर नेता एक-दूसरे की तीर के ऊपर तीर भी खूब चलाए। हर मोड़ पर टक्कर कांटे की रही। भाजपा की ओर से सपा पर जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण का आरोप भी लगाया गया। सपा ने उसका काट भी खोज निकाला। चुनाव के दिन भी दोनों तरफ से गहमागहमी रही। भारी संख्या में दोनों दलों के कार्यकर्ता और नेता अंत तक जमे रहे। मतगणना के बाद सपा के आनंद चौधरी विजयी घोषित किए गए। सपा के आनंद चौधरी को 33 और भाजपा की सुप्रिया चौधरी को 24 मत मिले।
वर्ष 2000 के बाद तीसरी बार काबिज हुई सपा
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के वर्ष 2000 से अब तक के इतिहास को पलटें तो वर्ष 2000 से 2005 तक बसपा की भारती सिंह यहां जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थीं। 2005 से 2010 के बीच अन्य पिछड़ा वर्ग के यह सीट आरक्षित हुआ तो सपा ने राजमंगल यादव को निर्विरोध अध्यक्ष बनाया। 2010 में बसपा की सरकार आने के बाद यहां की सीट पर बसपा के रामधीर सिंह और सपा के राममंगल यादव में कांटे की जंग हुई और बसपा उम्मीदवार रामधीर सिंह विजयी हुए। इसके बाद 2015 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई तो भी सपा ने सुधीर पासवान को निर्विरोध अध्यक्ष बनाया।
चुनाव फतह करने में जुटे थे तीन दलों के प्रमुख चेहरे
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा और सपा दोनों तरफ से पार्टी के मुख्य लोग चुनाव फतह करने में जुटे थे। भाजपा की ओर से भाजपा अध्यक्ष जयप्रकाश साहू, मंत्री उपेंद्र तिवारी, आनंद स्वरूप शुक्ल, राज्य सभा सदस्य नीरज शेखर, बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह, बेल्थरारोड के विधायक धनन्जय कन्नौजिया सहित पार्टी के सभी कद्दावर नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी सुप्रिया चौधरी को जिताने में जुटे थे। उधर बसपा के रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह भी भाजपा के सहयोग में थे। सपा की ओर से प्रत्याशी आनंद चौधरी के लिए उनके पिता पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी, पूर्व मंत्री नारद राय, जिला अध्यक्ष राजमंगल यादव, लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी सनातन पांडेय, पूर्व विधायक संग्राम सिंह यादव, बैरिया के युवा सपा नेता सूर्यभान सिंह, शैलेश सिंह सहित पार्टी के सभी कद्दावर पदाधिकारी और कार्यकर्ता लगे हुए थे।
1947 से अब तक सिर्फ एक बार काबिज हुई महिला
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 1947 से अब तक सिर्फ एक बार ही महिला काबिज हो सकी। वर्ष 2000 में भारती सिंह बसपा की ओर से चुनाव में उतरीं थीं और अध्यक्ष बनी थीं। उसके बाद से कभी भी महिलाओं को हाथ यह सीट नहीं लगा। इस बार यह दूसरा मौका था जब भाजपा से सुप्रिया चौधरी मैदान में थीं लेकिन उन्हें 24 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।
- बलिया में अब तक के जिला पंचायत अध्यक्ष
- तारकेश्वर पांडेय 1947 से 1952.
- रामलखन तिवारी 1952 से 1957.
- शीतल सिंह 1958 से तीन माह.
- शीतल सिंह नवंबर 1960 से मार्च 1963.
- राम दहिन राय अप्रैल 1963 से जुलाई 1963.
- राम दहिन राय सितंबर 1963 से नवंबर 1963.
- जवाहिर सिंह नवंबर 1963 से मार्च 1970.
- शिवशंकर सिंह नवंबर 1974 से अगस्त 1977.
- शिवभूषण तिवारी नवंबर 1992 से जनवरी 1993.
- नंद जी यादव जून 1994 से मई 1995.
- नंदजी यादव मई 1995 से जनवरी 1997.
- श्याम बहादुर सिंह जनवरी 1997 से मई 1997.
- भुनेश्वर चौधरी जून 1997 से जून 2000.
- भारती सिंह अगस्त 2000 से अक्टूबर 2005.
- राज मंगल यादव जनवरी 2006 से जनवरी 2011.
- रामधीर सिंह जनवरी 2011 से जनवरी 2016.
- त्रिस्तरीय समिति राजमंगल, नागेंद्र व अजय अगस्त 2015 से जनवरी 2016.
- सुधीर पासवान जनवरी 2016 से जनवरी 2021 तक.
- अब जुलाई 2021 से सपा के आनंद चौधरी का कार्यकाल.
निर्दल सदस्यों के पलटी बाजी
बलिया में भाजपा के 10, सपा के 14, बसपा के 4, सुभासपा के 9, कांग्रेस एक और निर्दल 20 सहित कुल 58 जिला पंचायत सदस्य हैं। इस चुनाव में निर्दलीय 20 जिला पंचायत सदस्यों पर ही जिला पंचायत अध्यक्ष का पूरा गेम था। सपा के पक्ष मेें निर्दल प्रत्याशियों ने ही पूरे गेम को पलट दिया।