बलिया : जिला पंचायत चुनाव के बाद अब क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव का डंका बज गया है। हर ब्लाक में क्षेत्र पंचायत सदस्यों की पूछ बढ़ गई है। सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए उम्मीदवार दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। चुनाव में समय कम होने के चलते प्रत्याशियों के लिए एक-एक मिनट महत्वपूर्ण हो गया है। प्रमुख के पद पर बहुत से ब्लाकों में पुराने चेहरे हैं तो कुछ स्थानों पर नए प्रत्याशियों ने दावेदारी की है। चुनाव को लेकर सभी क्षेत्र पंचायत संभावित उम्मीदवार क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सेवा-सत्कार में तन-मन से जुटे हुए हैं।
नेता प्रतिपक्ष के क्षेत्र में कांटे की जंग
बांसडीह : बांसडीह क्षेत्र पंचायत नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी का क्षेत्र है। यहां प्रमुख का पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है। यहां दो प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। इससे यहां की जंग कांटे की होगी। दोनों तरफ से क्षेत्र पंचायत सदस्यों काे अपने पक्ष में करने की कवायद तेज हो चली है।
आरक्षित सीट से माहौल नरम
नगरा : ब्लाक प्रमुख चुनाव की सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित होने से नगरा का चुनावी माहौल नरम है। इससे क्षेत्र पंचायत सदस्यों की वैसी पूछ नहीं है जैसे अन्य स्थानों पर है। अभी तक केवल एक ही प्रत्याशी के नाम की चर्चा हो रही है। कोई दूसरा उम्मीदवार अभी तक सामने नहीं आ रहा है। इस वजह से यहां निर्विरोध की स्थिति ही बनते दिख रही है।
रेवती में भी रहेगी टक्कर
रेवती : इस बार यहां पिछड़ी जाति के लिए यह सीट आरक्षित है। यहां के ब्लाक प्रमुख के पद पर पूर्व मंत्री स्व. बच्चा पाठक के परिवर के लोगों का ही कब्जा रहा है। सात बार उनके परिजन तथा दो बार उनके परिवार के समर्थित प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। इस बार भी उनके पौत्र सुनील पाठक के समर्थन से खानपुर के क्षेत्र पंचायत सदस्य बीर बहादुर राजभर प्रत्याशी हैं तो दूसरी तरफ से भाजपा समर्थित प्रत्याशी रमावती देवी पत्नी प्रभुनाथ गुप्ता हैं। यहां चुनावी जंग रोचक स्थिति में है।
रसड़ा में कांटे की टक्कर
रसड़ा : ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव में रसड़ा में बसपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर है। पिछले चुनाव में बसपा से देवकी सिंह यहां से निर्विरोध जीत हासिल की थीं किंतु इस बार सपा ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तुरंत बाद ही सूरज सोनकर को अपना प्रत्याशी घोषित कर मैदान में उतार दिया है। यहां के विधायक उमाशंकर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। बसपा की ओर से अभी खुले तौर पर प्रत्याशी की घाेषणा तो नहीं हुई लेकिन सियासी हवा दोनों तरफ से बह रही है।
चिलकहर में भी टक्कर
इंदरपुर : चिलकहर ब्लाक में प्रमुख का पद इस बार अनूसूचित वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां सपा और बसपा से दावेदार दिख रहे हैंं। एक को क्षेत्रीय विधायक उमाशंकर सिंह का आशिर्वाद प्राप्त है तो दूसरे को पूर्व मंत्री सनातन पांडेय का सहारा। दोनों तरफ से दो दिग्गज नेताओं के लगने से लड़ाई दिलचस्प हो चुकी है।
मुरलीछपरा व बैरिया में निर्विरोध निर्वाचन का समीकरण
बैरिया : जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव में हार के बाद भाजपा के नेता व पदाधिकारी ज्यादा संख्या में ब्लाक प्रमुख का पद अपने पाले में करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। मुरलीछपरा में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के अनुज कन्हैया सिंह के खिलाफ अभी तक कोई प्रत्याशी मैदान में नही है। बैरिया ब्लाक में भी पूर्व विधायक विक्रम सिंह की पुत्र वधु व पूर्व प्रमुख राकेश सिंह की पत्नी मधु सिंह के खिलाफ भी अभी तक कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं है। इससे दोनों ब्लाकों में निर्विरोध निर्वाचन के समीकरण बनते दिख रहे हैं।