अनुपस्थित रहने वाले प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और शिक्षा मित्रों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी। निरीक्षण के दौरान बीएसए ने खुद देखी शिक्षकों की बड़ी लापरवाही। शासन की आदेश का नहीं कर रहे पालन, डेढ़ साल से पढ़ाई बाधित।
बलिया : परिषदीय विद्यालयाें की दशा सुधारने के लिए हर दिन नए प्रयोग हो रहे हैं। जिनके कंधों पर शिक्षा व्यवस्था टिकी है, यदि वही लापरवाही करेंगे तो सोचिये क्या कहेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी खुद शिक्षकों की मनमानी से रूबरू हो चुके हैं। प्रतिदिन विद्यालयों खोलकर शैक्षणिक गतिविधियां संचालित होनी चाहिये। बच्चों का प्रवेश लेना है और ऑनलाइन पढ़ाई की भी मानीटरिंग करनी है, लेकिन अधिकांश विद्यालयों से प्रधानाध्यापक ही नहीें, शिक्षक और शिक्षा मित्र भी गायब मिल रहे हैं।
वायरल वीडियो में रसोइया ने खोली पाेल
रसड़ा के प्राथमिक विद्यालय मनिहा में प्रधानाध्यापक की जगह एक रसोइया के स्कूल चलाने का वीडियो वायरल हुआ, उसमें रसोइया बता रही है कि एक माह से यहां प्रधानाध्यपक और शिक्षक विद्यालय में नहीं आ रहे हैं। रसोइया ही विद्यालय खोलकर बैठी रहती है। बीएसए ने सभी शिक्षकों और प्रधानाध्यापक का वेतन रोक दिया है। उन पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।
पहला निरीक्षण
बीएसए के निरीक्षण में हनुमानगंज शिक्षा क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय टकरसन में प्रधानाध्यापक सहित तीन सहायक अध्यापक गायब थे। 10 जुलाई से एक शिक्षा मित्र और 7 जुलाई से तीन शिक्षा मित्र अनुपस्थित थे। दुबहड़ के चंद्रपुरा प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका तीन जुलाई से ही अनुपस्थित मिलीं।
दूसरा निरीक्षण
प्राथमिक विद्यालय छाता नंबर एक में प्रधानाध्यापिका 10 जुलाई से ही अनुपस्थित मिलीं। बांसडीह के कंपोजिट विद्यालय कसौरा, चिलकहर के कंपोजिट विद्यालय असनवार में भी कई सहायक अध्यापक और शिक्षा मित्र अनुपस्थित मिले।
तीसरा निरीक्षण
हनुमानगंज के प्राथमिक विद्यालय सागरपाली नंबर–एक, उच्च प्राथमिक विद्यालय धरहरा, प्राथमिक विद्यालय सोबई बांध एवं शिक्षा क्षेत्र बेरूआरबारी के प्राथमिक विद्यालय सुखपुरा नंबर-2 और प्राथमिक विद्यालय आसन बंद पाए गए। सभी अनुपस्थित अध्यापकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों पर वेतन काट लिया गया है।
बोले अधिकारी
जिले भर के स्कूल चेक किये जा रहे हैं। जो विद्यालय बंद मिल रहे हैं, वहां के शिक्षकों या अन्य स्टाफ पर कार्रवाई की जा रही है। शासन के आदेश की अनदेखी करने वाले चाहे कोई भी हों, बख्शे नहीं जाएंगे।
शिवनारायण सिंह, बीएसए