सीजेएम ने परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि की निर्धारित। समर्थकों के साथ धक्का देकर बाहर निकालने का महिला ने लगाया है आरोप। गुहार लगाने के बाद भी पुलिस ने नहीं दर्ज किया केस, न्यायालय पहुंचा है मामला।
बलिया : प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री व बलिया नगर के विधायक आनंद स्वरुप शुक्ल के खिलाफ एक महिला ने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। सीजेएम ने परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि को निर्धारित किया है। शहर के बनकटा निवासी रानी पत्नी लल्लन शाह ने धारा 156 (3) के तहत दायर परिवाद में लिखा है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 के तहत लाटरी के माध्यम से प्राइवेट विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीट पर प्रवेश हुआ है। अधिनियम के अनुसार प्रत्येक छात्र को प्रतिवर्ष पांच हजार रुपये, स्कूल ड्रेस व पुस्तकों के लिए सहायता धनराशि देने का प्रविधान है। इसके बावजूद दो साल से अभिभावकों को यह धन नहीं दिया जा रहा है। रानी ने कहा है कि पांच अप्रैल की दोपहर करीब डेढ़ बजे अपनी बात मंत्री के समझ रखी तो मंत्री भड़क गए तथा अपने भाई आद्या शुक्ल, डिम्पल सिंह, अश्विनी राय व रोबिन सिंह के साथ ही 20-27 अज्ञात समर्थकों के साथ धक्का देकर बाहर निकालने को कहने लगे। मंत्री के ललकारने पर महिलाओं के ऊपर हमला बोलकर मारपीट करने लगे। पुलिस बुलाकर महिलाओं के ऊपर लाठीचार्ज कराया। पुलिसकर्मी सभी महिलाओं को लादकर वाहन से कोतवाली ले गए। पुलिस व अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी केस दर्ज नहीं हो सका। रानी का कहना है कि पुलिस से सहयोग नहीं मिलने के बाद प्रार्थना पत्र को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र के प्रकाश में थाने से आख्या मांगी तो पुलिस ने न्यायालय में दाखिल रिपोर्ट में लिखा है कि पांच अप्रैल को समय 1.30 बजे प्रतिवादी आनंद स्वरुप शुक्ला मंत्री के आवास पर 20-25 महिलाओं एवं पुरुषों के साथ जाकर प्रति छात्र 10 हजार रुपये दिलाने एवं वार्ड तथा ग्राम पंचायत का नियम बदलवाने को कहने लगी। मंत्री के सहयोगी द्वारा रानी की मांग मानने एवं विचार का आश्वासन दिया गया, लेकिन किसी के उकसाने में आकर आवेदिका द्वारा एक राय होकर अपने साथियों सहित मंत्री के आवास पर तोड़फोड़ की जाने लगी। इस संबंध में थाना कोतवाली में रानी देवी सहित छह नामजद एवं 20-25 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। आवेदिका के विरुद्ध धारा 147, 452, 504 व 506 आईपीसी के तहत विवेचना सम्पादित हो रही है जिसके विरोध में आवेदिका भी अभियोग पंजीकृत कराने हेतु प्रार्थना पत्र दी है जो पेशबंदी में दिया गया है। इस प्रकरण में अब न्यायलय को फैसला देना है। मामले को लेकर राजनीतिक चर्चा भी तेज हो गई है।