बलिया : जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अपात्रों को भी मिली है। बहुत से लोग लघु या सीमांत किसान नहीं रहते हुए भी किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। कृषि विभाग ने निधि पाने वाले जनपद के 54,984 लाभार्थियों की रेंडम चेकिंग कराई तो इसमें अभी तक 600 किसान मृत मिले और 1100 किसान अपात्र। ये गलत तरीके से किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे। सत्यापन में पुष्टि के बाद अपात्रों से धन वापस लेने की तैयारी है। जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 4 लाख 44 हजार है। सरकार की ओर से यह पता भी लगाया जा रहा है कि पात्रों को योजना का लाभ सही तरीके से मिल रहा है या नहीं, प्राप्त धनराशि का उपयोग किसान किस कार्य में कर रहे हैं।
नाम की लिस्ट आने के बाद होगी रिकवरी
कृषि विभाग के उपनिदेशक इंद्राज ने बताया कि मृतकों और अपात्रों को चिन्हित कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। उनका भुगतान रोक दिया गया है। वहां से पूरे विवरण के साथ लिस्ट आनी है। वह लिस्ट मिलने के बाद रिकवरी की कार्रवाई शुरू होगी। जो लोग पात्र है लेकिन किसी कारण से यदि उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल रहा है तो सुधार कर उन्हें इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।
भूमिहीन किसानों से रूठी किस्मत
पीएम किसान निधि के मामले में भूमिहीन किसानों से किस्मत रूठ गई है। बैरिया तहसील क्षेत्र के किसान संजय प्रसाद कहते हैं कि आज के परिवेश में भूमिहीन किसान रेंट पर खेत लेकर खेती करते हैं। इसमें एक किसान को एक साल के लिए एक बीघा खेत के लिए 5000 से 6000 तक रेंट देना होता है। इसके बाद खेती के लिए बाकी के खर्च। ऐसे में भूमिहीन किसानों को सरकार किस तरह मदद करेगी, यह अहम सवाल है। इसी क्षेत्र के किसान सीताराम प्रसाद कहते हैं कि सरकार को चाहिए वह किसान सम्मान निधि देने से पहले यह पड़ताल करे कि कितने किसान खेती करने वाले हैं। उन्होंने अपना आकलन बताया कि किसान सम्मान पाने वाले अधिकांश किसान इस योजना का लाभ तो ले रहे हैं लेकिन वह खेती नहीं करते। ज्यादा संख्या में अभावग्रस्त भूमिहीन किसान हैं। वह मन से खेती करते हैं, लेकिन उन्हें सरकारी व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। पूरे जनपद में ऐसे किसानों की संख्या लगभग 86 हजार है।