बलिया : जनपद में गंगा का जलस्तर सोमवार से तेजी से बढ़ने लगा है। लगभग चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में बढ़ाव जारी है। एक दिन पहले 2.5 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा था। गायघाट में गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे 55.380 मीटर दर्ज किया गया। एक दिन पहले जलस्तर 54.750 मीटर पर था। गंगा में 16 घंटे में 63 सेंटीमीटर बढ़ाव किया। दिन के आठ बजे के बाद गंगा की गति प्रति घंआ 7 सेमी हो गई। शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 55.940 मीटर दर्ज किया गया। यानी सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक आठ घंटे में गंगा ने 56 सेमी बढ़ाव किया है। गंगा में यहां खतरा बिंदु 57.615 है। खतरा बिंदु से नदी का जलस्तर अब 1.675 मीटर नीचे है। गंगा की रफ्तार देख तटवर्ती लोग सहम गए हैं। बाढ़ की स्थिति बनते देख वे माह भर का सामान घरों में सुरक्षित करने लगे हैं।
सरयू का जलस्तर
तुर्तीपार डीएसपी हेड पर सरयू का जलस्तर 64.170 मीटर दर्ज किया गया। एक दिन पहले जलस्तर 64.140 पर था। सरयू की गति धीमी है। सरयू ने 16 घंटे में मात्र तीन सेमी बढ़ाव किया हैं। यहां खतरा निशान 64.10 है। सरयू खतरा निशान से 16 सेमी ऊपर बह रहीं हैं। चांदपुर में सरयू का जलस्तर 58.080 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरा निशान 58.00 है। सरयू का खतरा निशान से आठ सेमी ऊपर बह रहीं हैं।
चार साल में भी नहीं बन पाया सिताबदियारा का रिंग बांध
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताबदियारा में यूपी-बिहार सीमा की लगभग 60 हजार की आबादी को बाढ़ व कटान से बचाव के लिए रिंग बांध का निर्माण कार्य यूपी की ओर से पूर्ण नहीं होने से इस बार भी जेपी का गांव बाढ़ के हवाले होगा। 125 करोड़ की इस संयुक्त परियोजना की नींव वर्ष 2018 में रखी गई। बिहार व यूपी के साझे वाली इस परियोजना को बिहार ने वर्ष 2019 में ही चार किमी में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया। इस पर कुल 85 करोड़ रुपये खर्च हुए। वहीं यूपी सीमा में 40 करोड़ से 3400 मीटर में गंगा और सरयू दोनों के किनारे बनने वाला रिंग बांध तीन साल से निर्माणाधीन है। गांवों में बाढ़ की स्थिति बनते दिख रही है। ऐसे में रिंग बांध का कार्य इस साल भी अधूरा ही रह गया। यूपी की लापरवाही से बिहार और यूपी दोनों सीमा के लोग इस साल भी बाढ़ की तबाही झेलने को विवश हैं।
सिताबदियारा में गंगा व सरयू दोनों से खतरा
सिताबदयारा में गंगा और सरयू दोनों नदियों का संगम बड़का बैजू टोला में होता है। इस वजह से यहां गंगा और सरयू दोनों नदियों से बाढ़ और कटान का खतरा रहता है। रिंग बांध का कार्य पूरा हो गया होता तो यूपी सीमा के विकासखंड मुरली छपरा अतर्गत इब्राहिमाबाद नौबरार व कोड़हरा नौबरार दो पंचायतों के एक दर्जन से अधिक गांव, वहीं बिहार सीमा सिताबदियारा व प्रभुनाथनगर दक्षिणवारी चक्की दो पंचायतों के डेढ़ दर्जनों गांव बाढ़ से सुरक्षित हो जाते। विभाग की लापराही से इस साल भी ये गांव सुरक्षित नहीं हुए।
स्पर के गड्ढे में घूसा पानी, एनएच-31 को खतरा
एनएच-31 को गंगा कटान से बचाने के लिए 34 करोड़ की लागत से रामगढ़ में तीन स्परों का निर्माण हो रहा था। ठीकेदार आधा-अधूरा कार्य कर गायब हो गए हैं। स्पर निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे में अब पानी भर गया है। ऐसे में अब बचाव कार्य भी संभव नहीं है। शासन से समय से धन आवंटित होने के बाद भी सिंचाई विभाग के अभियंता कार्य पूर्ण कराने में विफल रहे। कार्य को किसी भी दशा में 15 जून तक पूरा करना था। कार्य पूरा नहीं होने पर 31 जुलाई तक समय बढ़ाया गया, फिर भी ठेकेदारों ने कार्य पूरा नहीं किया। कटान से एनएच-31 की दूरी महज 30 मीटर है। ऐसे में यदि गंगा कटान तेज होता है तो बलिया-बैरिया का आवागमन तो बाधित होगा ही, सैकड़ों गांव भी बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।