बलिया : बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़पीडि़तों के बीच लगातार राहत सामग्री एवं खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। जिलाधिकारी अदिति सिंह दिन-रात राहत बचाव कार्य की समीक्षा कर रही हैं। पानी से घिरे परिवारों को पका पकाया भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पशुओं को चारा एवं युद्धस्तर पर टीकाकरण भी किया जा रहा है। लोगों के आवागमन एवं राहत बचाव कार्य के लिए पर्याप्त नावें चल रही है। बैरिया तहसील क्षेत्र के 16 बाढ़ प्रभावित गांवों में अब तक 3500 लंच पैकेट, 1050 तिरपाल व 238 राशन किट का वितरण हो चुका है। लोगों की सहायता के लिए बुधवार को 12 नावें बढ़ा दी गयी है, जिसके बाद वहां कुल 72 नाव चल रही है। बैरिया तहसील क्षेत्र की कुल 23450 परिवार की 93500 आबादी प्रभावित है। वहीं, सदर तहसील क्षेत्र के 18 गांव के 11492 परिवार की कुल 47650 आबादी बाढ़ से प्रभावित है। यहां 500 लंच पैकेट व 100 तिरपाल का वितरण किया गया है। सदर तहसील क्षेत्र में कुल 173 नावें लोगों के आवागमन एवं राहत व बचाव कार्य के लिए लगी है।
843 पशुओं का टीकाकरण, 296 का उपचार
इस बाढ़ की आपदा में पशुपालन विभाग ने 21 पशु शिविर स्थापित किया है, जिसके माध्यम से अब तके 1843 पशुओं का टीकाकरण व 296 पशुओं का उपचार किया जा चुका है। इसके अलावा 99 कुंतल भूसा का वितरण किया जा चुका है। बुधवार को 50 कुंतल भूसा का वितरण बाढ प्रभावित गांवों में किया गया।
ओआरएस व दवा किट का वितरण
स्वास्थ्य विभाग ने आठ मेडिकल टीम का गठन किया है। कुल 373 व्यक्तियों का उपचार करने के साथ हर जरूरतमंदों को ओआरएस पैकेट का वितरण कर रही है। स्वास्थ्य एवं जीवन रक्षा के लिए दवाओं का किट वितरित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ प्रभावित गांवों का सर्वे कर कुल 212 गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन किया गया। सर्वे में तीन गंभीर रोगी मिले, जिनका इलाज किया चल रहा है।
सदर व बैरिया में एनडीआरएफ की टीम तैनात
एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की भी टीमें लोगों की सहायता के लिए लगी हुई है। बैरिया तहसील क्षेत्र में एसडीआरएफ की एक टीम व पीएसी की एक टीम लगी है। हर टीम में 25 जवान हैं। ये टीमें निरंतर बाढ प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण कर राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग दे रहे हैं। वहीं सदर तहसील में एनडीआरएफ की एक टीम लगी है, जो बाढ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य कर रही है।
24 घंटे एलर्ट मोड पर आपदा नियंत्रण कक्ष
बाढ़ की आपदा को देखते हुए आपदा नियंत्रण कक्ष भी 24 घंटे एलर्ट मोड पर है। आपदा विशेषज्ञ व आपदा लिपिक की देखरेख में वहां के टेलीफोन नम्बर 05498220832 पर मिल रही सूचनाओं पर तत्काल रिस्पांस देते हुए लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है। कंट्रोल रूम में 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती कर दी गयी है। एडीएम रामआसरे ने मंगलवार की मध्य रात्रि करीब एक बजे कंट्रोल का औचक निरीक्षण किया।
सफाई का रखा जा रहा विशेष ख्याल
पंचायती राज विभाग व नगर निकायों की ओर से बाढ प्रभावित इलाकों में अस्थायी शौचालय की व्यवस्था की गयी है। पर्याप्त सफाईकर्मियों की तैनाती कर साफ-सफाई व फाॅगिंग का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा पुष्टाहार का वितरण भी नियमित रूप से किया जा रहा है।