देश में किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत के लिए शायद ही जनता परेशान है। चार साल से राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत के लिए यहां के लोग गुस्से से उबल रहे हैं। दर्जनाें बार सड़क जाम और तहसील पर प्रदर्शन के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं हो पायी। काफी हंगामा के बाद एनएचएआइ ने गाजीपुर से मांझी घाट तक के सड़क की मरम्मत के लिए टेंडर निकाला। जून 2020 में 102 करोड़ में जयपुर की कंपनी कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर को कार्य का जिम्मा दिया गया। इसके बाद भी यह सड़क नहीं बन सकी। अब इस विधान सभा की लगभग चार लाख की आबादी एक स्वर से एनएचएआइ के अधिकारियों और यहां को नेताओं को कोस रही है।
बलिया : राष्ट्रीय राजमार्ग के खराब होने से लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। बैरिया बाजार में रोज ट्रक फंस रहे हैं। ई-रिक्शा और बाइक सवार उलट रहे हैं। बस और जीप के चालक सड़क को लेकर हर दिन रो रहे हैं, लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों को इसकी कोई चिंता नहीं है। केवल सत्ता पक्ष ही नहीं, विपक्षी दल के नेता भी इस सड़क के मुद्दे को लेकर कभी मजबूती से खड़ नहीं हुए।
सड़क मरम्मत की जंग बैरिया की जनता खुद ही लड़ रही है। मंगलवार और बुधवार को बैरिया में त्रिमुहानी पर सड़क पर गड्ढ़े के कारण एक ट्रक फंसा, उसे जेसीबी से निकाला जा रहा था, तब तक एक ई रिक्शा वहीं आकर उलट गया। कुछ लोग उसे उठाने में लगे तब तक एक बाइक सवार गिर गया।
सड़क पर जलजमाव भी कम नहीं था। यह दृष्य देखने वाले लोग बोल रहे थे..अब इससे बड़ी दुर्दशा इस क्षेत्र की जनता की नहीं हो सकती। वाहन चालकों से सरकार सड़क के लिए टैक्स लेती है और सड़क ऐसी देती है कि उस पर पैदल चलना भी मुश्किल है।