बलिया : यह सही है, भाई बहन का रिश्ता बड़ा ही प्यार और नोक झोंक वाला होता है। इस रिश्ते में चाहे जितनी मर्जी लड़ाई-झगड़ा हो, लेकिन दोनों कुछ ही देर में फिर से ऐसे बात करने लगते है कि जैसे कुछ हुआ ही न हो। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की दुआ मांगने के साथ हैं भाई से हर मुसीबत में रक्षा करने का वचन लेतीं हैं। युवा अवस्था में रक्षाबंधन को लेकर भाई-बहनों में ज्यादा उत्सुकता रहती है, लेकिन कोई 93 साल की बुजुर्ग बहन जब अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है तो वह दृश्य वास्तव में बड़ा ही अपनत्व भरा होता है। रक्षाबंधन के त्योहार पर बैरिया तहसील के टोला डोमन राय गांव में एक ऐसा ही नजारा सामने था।
यहां 93 वर्षीय अपनी बहन सुमित्रा देवी पत्नी स्व जगरनाथ पांडेय से राखी बंधवाने बलिया के सीताकुंड गांव के निवासी 70 वर्षीय श्रृंगेश्वरनाथ तिवारी पहुंचे थे। कुशल क्षेम पूछने के बाद जब बुजुर्ग बहन ने भाई की कलाई को राखी से सुशोभित किया तो दोनों ओर से आंसुओं के धार निकल पड़े। ये आंसु खुशी के थे। बातचीत में श्रृंगेश्वरनाथ तिवारी ने बताया कि इस दिन को मै कभी नहीं भूलता। बचपन से लेकर आज तक रक्षाबंधन के दिन अपनी बहन से आर्शीवाद लेने अवश्य पहुंचता हूं। यह परंपरा आज तक नहीं टूटी। आगे भगवान की मर्जी। यह सब देख घर के लोग भी काफी खुश थे।
अपने जमाने में खुद से तैयार करती थी राखी
बुजुर्ग महिला सुमित्रा देवी ने बताया कि यह दिन भाई-बहन के प्यार को समर्पित रहता है। कोई ऐसा साल नहीं रहा, जब मेरा भाई रखी बंधवाने न आया हो। मुझे अपने जमाने की बात याद है। भाइयों के लिए मै खुद से राखी तैयार करती थी। उसे बनाने में दो या तीन दिन का समय लग जाता था। अब तो बाजारों में कई किस्म की रखी आ गई है। वही रखी मै भी बांधती हूं। इस दिन को मै भगवान से यही प्रार्थना करती हूं कि हर बहन को मेरे जैसा भाई मिले।