अपराध का सहारा लेकर राजनीति की सीढ़ी चढ़ने वालों में घोसी से बसपा सांसद और दुष्कर्म के आरोप में नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतुल राय भी है। सुप्रीम कोर्ट के बाहर दुष्कर्म पीडि़ता व उसके गवाह के आत्मदाह के बाद वह इन दिनों सुर्खियों में हैं।
News Desk : अपराध का सहारा लेकर राजनीति की सीढ़ी चढ़ने वालों में घोसी से बसपा सांसद और दुष्कर्म के आरोप में नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतुल राय भी है। सुप्रीम कोर्ट के बाहर दुष्कर्म पीडि़ता व उसके गवाह के आत्मदाह के बाद वह इन दिनों सुर्खियों में हैं। अतुल राय पर हत्या, रंगदारी व दुष्कर्म जैसे संगीन किस्म के 27 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। गाजीपुर के बीरपुर गांव निवासी अतुल राय को बनारस में पढ़ाई के दौरान जरायम जगत रास आने लगा। वह जल्द ही मऊ सदर विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी हो गया। 2019 के लोस चुनाव में घोसी सीट से मुख्तार बेटे अब्बास को प्रत्याशी बनाना चाहता था। मगर अतुल राय ने बसपा टिकट लेकर जीत हासिल कर ली। यहां से मुख्तार व अतुल के बीच न मिटने वाली लकीर खिंच गई। अतुल राय का नाम चर्चा में तब आया जब उनके खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक युवती ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के दौरान अतुल राय फरार रहे और फरारी के दौरान ही पूरा चुनाव लड़ा। परिणाम अतुल राय के पक्ष में आया तो लगा मानो उनके अच्छे दिन आ गए। मगर, बलिया निवासी युवती ने तमाम दबावों के बावजूद अपना मुकदमा न तो वापस लिया और न ही अपने कदम पीछे खींचे। अलबत्ता युवती के जज्बे के आगे पुलिस प्रशासन और जरायम का खौफ सब लाचार हो गया। इसी बीच उम्र को लेकर एक मामले में युवती के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद अतुल राय पर दुष्कर्म का अरोप लगाने वाली युवती और उसके दोस्त ने सुप्रीम कोर्ट के गेट डी के पास आत्मदाह करने की नीयत से खुद को आग लिया। इसकी वजह से पहले युवक और बाद में युवती ने दम तोड़ दिया। इसके बाद अतुल राय के बाहर निकलने के तमाम रास्ते भी बंद हो गए।
मुख्तार से खतरा
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को जिस लोकसभा सीट पर उतारने की मुख्तार की तैयारी थी उस सीट पर अतुल राय को बसपा ने उतार दिया था। इसकी वजह से मुख्तार के करीबी अतुल राय के भी मुख्तार से समीकरण खराब हो गए थे। माह भर पूर्व अतुल राय के परिजनों ने अतुल राय की जान को मुख्तार से खतरा भी बताया था। वहीं नैनी जेल से भी मुख्तार को दूर रखने के लिए अतुल राय की ओर से काफी प्रयास किए गए थे। इसी का नतीजा माना जा रहा है कि मुख्तार इस समय बांदा जेल में बंद है, अन्यथा मुख्तार को नैनी जेल भेजने की भी चर्चा एक समय खूब रही थी।
अतुल राय की सियासी जमीन सरकी
छात्र राजनीति से सियासत की ऊंची बागडोर पर पहुंचने की अतुल राय की कहानी जरायम के रास्ते से ही मानी जाती है। मुख्तार से संपर्क के अलावा सियासत की ऊंची पकड़ बनाने के लिए अतुल राय ने कई ऐसे रास्ते चुने जो सत्ता की ओर तो ले गया मगर जुर्म की दलदल में भी उनको लगातार फंसाता चला गया। उनपर दर्ज मामले इस बात की तस्दीक करते हैं कि पूर्वांचल में एक और सफेदपोश जरायम के रास्ते सत्ता की चाबी पा चुका था। अगर दुष्कर्म के मामले में युवती ने स्टैंड नहीं लिया होता तो शायद अतुल राय जेल के बाहर से सियासत की उड़ान भर रहे होते। हालात और बदले समीकरणों के अनुसार अब ऐसे हैं कि अतुल राय का छूटना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन भी है।