बलिया : बोरिंग कराकर भूजल का अत्यधिक दोहन अब नहीं हो सकेगा। भूजल के अंधाधुंध उपयोग को रोकने के लिए दो अक्टूबर 2019 में बना ग्राउंड वाटर कानून उसी समय प्रभावी हो गया था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं देने के कारण पूर्वाचल में भूगर्भ जल स्तर तेजी से नीचे खिसकने लगा। घटते जल स्तर ने सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है। अब इस एक्ट को सख्ती से लागू करने की तैयारी है। अब शासन ने निर्देश दिए हैं कि इसके तहत अब सबमर्सिबल पंप या ट्यूबवेल की बोरिग कराने से पूर्व उपभोक्ताओं को जिला भूगर्भ जल प्रबंधन से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा और पंजीयन भी कराना होगा। इसके बाद ही वे बोरिंग करा सकेंगे। पूर्वांचल के हर जिले में औसतन एक हजार आरओ प्लांट लगे हैं। इसके लिए पहले बाेरिंग कराया गया है। वह पानी को आरओ मशीन में फिल्टर कर बोतल से उसकी बिक्री करते हैं। इसके अलावा इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए भी भारी संख्या में बोरिंग कराए गए हैं। अब सभी का सर्वे कर उनसे शुल्क वसूली की तैयारी है।
बोरिंग के लिए यह हैं प्रावधान
घरेलू उपयोग के लिए बोरिंग : घरेलू उपयोग के लिए बोरिंग कराने की दशा में उपभोक्ता को पंजीकरण कराना होगा, लेकिन उससे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
कृषि उपयोग के लिए बोरिंग : कृषि उपयोग के लिए ट्यूबवेल आदि की बोरिंग कराने के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य है, लेकिन इसके लिए भी उपभोक्ता से कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा।
कामर्शियल बोरिंग : कामर्शियल, इंडस्ट्रियल उपयोग कर्ता को जल प्रबंधन परिषद से एनओसी के लिए पांच हजार और पंजीकरण के लिए पांच हजार यानी 10 हजार रूपये देने होंगे। यह भी बताना होगा कि वे प्रतिदिन कितने लीटर पानी का उपयोग करेंगे। इस हिसाब से उनका शुल्क निर्धारित होगा। इनके लिए फ्लो मीटर लगाना भी अनिवार्य होगा।
पंजीकरण नहीं कराने पर सजा का प्रावधान
पंजीकरण न कराने एवं बगैर एनओसी बोरिंग कराने की दशा में एक्ट में सजा का भी प्रावधान है। उल्लंघन करने वाले को सजा भी हो सकती है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया जा सकता है। इसके अलावा ड्रील मशीन से बोरिंग करने वाली एजेंसियों को भी पंजीयन करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जो मिस्त्री बोरिंग करेंगे, वह भी बिना पंजीयन देखे बोरिंग नहीं करेंगे। बलिया में अभी तक चार कमर्शियल आवेदन आए हैं। आरओ प्लांट सहित तमाम तरह के कमर्शियल उपयोग के लिए कराए गए बोरिग का सर्वे करने के लिए सभी ब्लाकों को लिखा गया है। उसके बाद कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
एसएस यादव, एई (नोडल अधिकारी) लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल
बलिया में वर्ष वार कराए गए बोरिंग
बलिया में वर्ष 2015-16 में 1503 बोरिंग कराए गए हैं। इसी तरह 2016-17 में 722 बारिंग, 2017-18 में 733 बोरिंग, 2018-19 में 745 बोरिंग, 2019-20 में 2922 बोरिंग, 2020-21 में 521 बोरिंग कराए गए हैं।