बलिया : जनपद में वायरल फीवर के जरिए डेंगू अपना पांव पसारने लगा है। बुधवार को डेंगू भी तीन नए मरीज मिले। जनपद में अब डेंगू मरीजों की संख्या 14 हो गई है। डेंगू के नाम से गांव से लेकर शहर तक डर का माहौल बना हुआ है। चिकित्सकों का कहना है कि आमलोगों की छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि जनपद में रेवती ब्लाक में दो, हनुमानगंज में दो, बेरूआरबारी में एक, दुबहड़ में एक, गड़वार में एक, चिलकहर में एक, सदर के बहादुरपुर में एक, तिखमपुर में एक व रसड़ा में एक, शहर के बहेरी, राजेंद्र नगर, व पंदह ब्लाक में एक मरीज मिले हैं। सभी इलाकों में मरीज के घर से लेकर आसपास के इलाकों में लार्वा को मारने के लिए छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसकी दवा सभी सीएचसी केंद्रों पर भी उपलब्ध कराई गई है, लेकिन जांच के लिए जिला मुख्यालय पर ही मरीजों को आना होगा। सीएचसी केंद्रों पर जांच की व्यवस्था नहीं है।
2839 टीमें कर रही घर-घर का सर्वे
वायरल बुखार, डेंगू, कुपोषण, मलेरिया आदि के मरीजों की पहचान करने के लिए जनपद में 2839 टीमें गठित की गई हैं। इसमें आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को घर-घर जाकर मरीजों का सर्वे करना है, लेकिन ऐसा कहीं भी होते नहीं दिख रहा है। सभी ब्लाकों के गांवों में फोन कर जानकारी ली गई, लेकिन पुष्टि नहीं हो पाई की यह टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं।
शहर से गांव तक जिम्मेदारों की लापरवाही
गांव से लेकर शहर तक गंदगी पसरी हुई है। कहीं कोई छिड़काव नहीं हो रहा है। नालियाें में बजबजाती गंदगी से शहर के कई मोहल्लों में नारकीय हालात हैं। काजीपुरा, सिविल लाइन, आनंद नगर, रामपुर उदयभान में नालियों में मच्छर पल रहे हैं। फागिंग का कार्य भी कभी-कभी केवल नाम के लिए होता है। अभी के समय में बारिश और बाढ़ के चलते हर जगह मच्छर बढ़ गए हैं।
इस तरह फैलता है डेंगू
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू की शिकायत बरसात के मौसम में ही सबसे ज्यादा होती है। डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उसका खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।
कब दिखती है बीमारी
मच्छर के काटे जाने के करीब 35 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है। इसमें ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होता है। सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। आंखों के पिछले हिस्से में दर्द शुरू होता है। बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना। गले में हल्कासा दर्द होना। शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लालगुलाबी रंग के रैशेज होना, इसके मुख्य लक्षण हैं।
मलेरिया अधिकारी की अपील
इस मौसम में सभी लोग घर पर और आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। हर रविवार मच्छर पर वार अभियान के तहत सभी लोग रविवार को पानी टंकी, कूलर, गमले के पानी को बदल दें। टायर, टूटे वर्तन आदि में भी पानी न रहने दें। जलजमाव वाले स्थान पर छिड़काव करें। घर के पास खुली नाली है तो वहां भी छिड़काव करें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। ऐसा वस्त्र पहने जिससे पूरा शरीर ढ़का हो।
सुनील कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी