भारतीय सुप्रीम कार्ट की अधिवक्ता प्रियंका तिवारी के निधन पर उनके पैतृक गांव बलिया के सीताकुंड में गमगीन माहौल है। उनके निधन की जानकारी होने पर मंत्री आनंद स्परूप शुक्ल भी पहुंचे और परिजनों को संतावना दी। उनके आवास पर नोएडा, दिल्ली, मेरठ, जयपुर और बलिया के राजनीतिक लोगों और अधिकारियों का आना-जाना लगा हुआ है। बलिया में पुलिस अधीक्षक रहीं और पुलिस उप महानिरीक्षक पद से सेवानिवृत श्रीपर्णा गांगुली ने भी स्व. तिवारी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की हैं।
- एस पांडेय
बलिया : कर्म को सींढ़ी बनाकर समाज की सेवा करने वाले लोगों को यह समाज कभी नहीं भूलता। इस लोक से विदा होने के बाद भी उनकी यादें सभी के जेहन में जिंदा रहती हैं। भारतीय सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता प्रियंका तिवारी के निधन के बाद जनपद के सीताकुंड गांव में कुछ इसी तरह की चर्चा हो रही है। इस गांव की निवासी पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की करीबी रहीं भारतीय सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता, समाजसेविका प्रियंका तिवारी के असामायिक निधन से पूरा गांव शोक में डूबा है।
उनकी मौत की खबर से दुखी मंत्री आनंदस्वरूप शुक्ल भी उनके पैतृक निवास सीताकुंड पहुंच कर परिजनों को संतावना दिए। 40 वर्ष की अवस्था में कैंसर रोग से लड़ते हुए इस लोक से विदा हुई स्व. तिवारी नोएडा के किलियो काउंटी सेक्टर 121 में रहतीं थीं। 23 सितंबर को उन्होंने नोएडा स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली। उसके बाद परिजन अंतिम संस्कार कर गांव आ गए। उनका श्राद्ध संस्कार भी गांव पर ही हो रहा है। उनके पिता स्व. चतुरानंद पांडेय आसाम टी स्टेट के जीएम थे। स्व. तिवारी अपने माता-पिता की चार संतानाें में तीसरे स्थान पर थीं। उनका विवाह वर्ष 2008 में उनके पैतृक गांव बभनौली से संपन्न हुआ था। उनके पति राकेश कुमार तिवारी भी भारतीय सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ साथ भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य सरकार के उपक्रमों व प्राधिकरणों के अधिवक्ता के पद पर है। स्व. तिवारी अधिवक्ता होने के बावजूद अपने जीवन की जिम्मेदारियों को निभाने में भी कभी पीछ़े नहीं रहीं।
समाज की सेवा में सदैव रहीं आगे
समाज की सेवा में भी उनका सराहनीय योगदान रहा। गांव या आसपास के लोग जब भी नोएडा पहुंचते थे तो वह उनकी श्रद्धा-भाव से मदद करती थीं। कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद भी बीच-बीच में गांव आने का सिलसिला बंद नहीं हुआ। गांव के लोग उस वक्त सबसे ज्यादा मर्माहत हो गए जब उनके पति राकेश तिवारी हिंदू रिति-रिवाज वाले अंतिम संस्कार के कपड़े में देखा। हर किसी के मुंह से यही निकला कि प्रभु अच्छे लोगाें को ही क्यों सबसे पहले इस दुनिया से विदा कर देते हैं। घर पर लोगों के आने-जाने का तांता लगा हुआ है। दिल्ली, मेरठ, जयपुर, बलिया सहित कई इलाके के अधिकारी और राजनीतिक लोग लगातार पहुंच रहे हैं। स्व. तिवारी के निधन पर सेवा निवृत पुलिस उप महानिरीक्षक श्रीपर्णा गांगुली ने भी शोक संवेदना व्यक्त किया है।