बलिया : प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा बलिया कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ था। 1977 से जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर राजनीति में सक्रिय हुए तो यहां समाजवादी धारा बहनी शुरू हुई। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो यहां भाजपा भी अपना दमखम दिखाने लगी। सपा और भाजपा की राजनीतिक जमीन तो अभी भी कायम है, लेकिन पुरानी पार्टी कांग्रेस की राजनीतिक जमीन गायब हो गई। अब हालात यह है कि कांग्रेस को जिले की सातों विधानसभा सीटों को मिलाकर मात्र 14632 वोट मिले हैं। यह कुल पड़े मत 1354104 का 1.08 फीसद है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपने उम्मीदवारों को लिए बांसडीह और फेफना विधान सभा क्षेत्र के रतसड़ में रोड शो कीं थीं। लड़की हूं लड़ सकतीं हूं का नारा दिया था। रोड शो में भारी संख्या में क्षेत्रीय लोग शामिल रहे, लेकिन वह भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो सकी। कांग्रेस ने जिले के बैरिया में सोनम बिद, रसड़ा में ओमलता, बेल्थरारोड में गीता, सिकंदरपुर में बृजेश सिंह गाट, बांसडीह में पुनीत पाठक, बलिया नगर में ओमप्रकाश तिवारी और फेफना में जैनेंद्र पांडेय को अपना प्रत्याशी बनाया था।
विधानसभा क्षेत्रवार कांग्रेस को मिले वोट
बेल्थरारोड 1529, रसड़ा 1294, सिकंदरपुर 1857, फेफना 2229, बलिया नगर 2166, बांसडीह 4354, बैरिया 1203 वोट।