सच की कलम से समाज और जिला प्रशासन को सजग करना पत्रकारों का नैतिक धर्म है। फिर मुख्य अपराधी को खोजने के बजाए चौथे स्तम्भ पर जिला प्रसाशन द्वारा इस तरह की कार्रवाई सर्वथा निंदनीय है।
शैलेश सिंह, बलिया
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति (ABPSS) के जिलाध्यक्ष शैलेश सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जनपद प्रशासन द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा में पेपर लीक के घटना में पत्रकारों को ही दोषी साबित कर जेल भेज देना लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा है कि जनपद में संचालित परीक्षाओं की पारदर्शिता किसी से छिपी नही है, भ्रष्टाचार को अगर कोई समाज का प्रहरी उजागर करने की हिम्मत जुटा पाता है तो जिला प्रशासन उसे प्रोत्साहित करने के बजाए जेल में डाल दे रहा है। यह सर्वथा निंदनीय है। जिलाध्यक्ष ने बलिया जिलाधिकारी से तत्काल पत्रकार को रिहा करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर जिला प्रशासन इस प्रकरण को लेकर सही मायने में गंभीर है तो किसी पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर, मानक के अनुसार परीक्षा केंद्र की स्थापना, परीक्षा केंद्रों को संचालित व्यवस्थाओं और अन्य प्रदेश से नकल माफियाओं द्वारा हजारों की संख्या में फार्म भराए गए परीक्षार्थियों की जांच कराए। फिर दूध का दूध और पानी का पानी हो अलग हो जाएगा। सच की कलम से समाज और जिला प्रशासन को सजग करना पत्रकारों का नैतिक धर्म है। फिर मुख्य अपराधी को खोजने के बजाए चौथे स्तम्भ पर जिला प्रसाशन द्वारा इस तरह की कार्रवाई सर्वथा निंदनीय और आश्चर्यजनक है।
(लेखक अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के जिलाध्यक्ष है और बलिया में रहते हैं)