लोक निर्माण विभाग की ओर से सरयू में दो व गंगा में एक स्थान पर बनाया जाता पीपा पुल। गंगा में सिताबदियारा-महुली की सीध में विलंब से ही सही अंतिम चरण में निर्माण। 15 दिसंबर से महुली का पीपा पुल चालू होने की उम्मीद। बलिया के चार पीपा पुल पर खर्च होंगे 1.20 करोड़। अभी तक कार्य भी नहीं किया प्रारंभ।
बलिया : जनपद के एक तरफ सरयू तो दूसरी तरफ गंगा बहती है। दोनों नदियों का पार करने के बाद बिहार की सीमा शुरू हो जाती है। लगभग 40 हजार की आबादी वाला गांव नौरंगा गंगा उस पार बसा है। इस गांव के लोगों अपने ही जिला मुख्यालय पर आने के लिए बिहार के आरा भोजपुर व बक्सर होते हुए 120 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। गांव की सीध में पीपा पुल बनने जाने पर जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 30 किलोमीटर हो जाती है। सिकंदरपुर के खरीद गांव के उस पार सिवान है। दरौली के मध्य सरयू में पीपा पुल नहीं होने से लोेगों को 10 किमी के बजाय लगभग 70 किमी की यात्रा करनी पड़ रही है। जिले की ओर से गंगा में महावीर घाट व नौरंगा में पीपा पुल बनाया जाता है। उससे आगे आरा बिहार प्रशासन की ओर से महुली-सिताबदियारा खवासपुर की सीध में पीपा पुल बनता है। सरयू में सिकंदरपुर खरीद-दरौली और चांदपुर के पास पीपा पुल बनता है। इससे लोगों को करीब छह माह तक आवागमन में सहूलियत होती है, लेकिन इस साल गंगा और सरयू में लोक निर्माण विभाग की लापरवाही उतरा रही है। हर साल 15 नवंबर से चालू होने वाले पीपा पुलों का अभी निर्माण भी शुरू नहीं हुआ है। पीपा पुल की अवधि 15 नवंबर से 15 जून तक होती है। एक पीपा पुल के निर्माण में लगभग 30 लाख का बजट खर्च होता है।
महुली में बिहार की ओर से तैयार हो रहा पीपा पुल
गंगा में आरा की ओर से महुली और मुजहीं खवासपुर के मध्य पीपा पुल का निर्माण शुरू है। इसे 15 दिसंबर से चालू करने की तैयारी है। यह पुल बन जाने से सिताबदियारा, मुजहीं, दोकटी, बैरिया क्षेत्र के लोगों को काफी सहूलियत होगी। पीपा पुल के रास्ते सिताबदियारा से आरा की दूरी 22 किलोमीटर हो जाएगी। पीपा पुल नहीं होने से यहां के लोगों को सड़क मार्ग से पटना या बक्सर होकर आरा जाना पड़ता है। ऐसे में दूरी 100 किलोकीटर से भी अधिक हो जाती है।
सिताबदियारा में पीपा पुल की घोेषणा पर भी नहीं अमल
पिछले साल लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि सरयू में सिताबदियारा की सीध में भी पीपा पुल का निर्माण कराया जाएगा, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। अभी भी इस क्षेत्र की लगभग 60 हजार की आबादी को मांझी होकर लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय कर छपरा जाना होता है। पीपा पुल होने पर सिताबदियारा से छपरा की महज 14 किलोमीटर हो जाएगी।