सरकार की ओर से गांवों को स्वच्छ रखने के लिए काफी धन खर्च किया जा रहा है। गांव के सार्वजनिक स्थानों को साफ रखने के लिए हर गांव में सफाई कर्मचारियों की भी तैनाती है, लेकिन 90 प्रतिशत सफाई कर्मियों की नौकरी कागज पर ही चल रही है। जिले के 940 ग्राम पंचायतों में लगभग 2320 सफाई कर्मी तैनात हैं। इसके बावजूद गांवों में गंदगी का अंबार लगा है। गांव के लोग शिकायत करके थक चुके हैं, इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। परेशान होकर गांव के लोग अभियान चलाकर सार्वजनिक स्थानों की सफाई कर रहे हैं।
बलिया : जिले के ब्लाक मुरलीछपरा के ग्राम पंचायत कोड़हरा नौबरार जयप्रकाश नगर में तीन सफाई कर्मी तैनात हैं, लेकिन कहीं भी सफाई का कार्य नहीं करते हैं। रविवार को दलजीत टोला काली मंदिर परिसर और आसपास क्षेत्र में गांव के शैलेश सिंह, मनीष सिंह, दीनबंधु सिंह, बाला सिंह, मैनेजर सिंह, गजेंद्र सिंह, भुटेली सिंह, आंसू सिंह, मंटू सिंह आदि ने युवाओं के साथ मिलकर सफाई की।
ग्रामीणों ने बताया कि इसी गांव में जून में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 50 बेड के अस्पताल का शिलान्यास करने आए थे। उस समय पूरे ब्लाक के सफाई कर्मियों को गांव की सफाई के लिए लगा दिया गया था। ब्लाक के अधिकारी भी सक्रिय थे, लेकिन कार्यक्रम के बाद से किसी भी दिन कोई भी सफाई कर्मी काम नहीं किए। इससे सभी सार्वजनिक स्थानों पर कचरा जमा हो गया है।
स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत चल रहा काम
गांव के प्रधान अशोक यादव ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत गांव को पूरी तरह स्वच्छ बनाने का कार्य चल रहा है। गांव में आरआरसी सेंटर के लिए अभी तक जमीन नहीं मिली है। जगह-जगह प्लास्टिक बैंक लगाया गया है। नाली और सोखता गड्ढा का निर्माण कराया जा रहा है। सफाई कर्मियों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
बोले जिम्मेदार
आरआरसी सेंटर के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। सफाई कर्मियों को चेताया गया है कि वह गांव में रोस्टर के तहत सफाई का कार्य करें। सुधार नहीं होने पर कार्रवाई की संस्तुति कर दी जाएगी।
छोटेलाल वर्मा, सचिव, ग्राम पंचायत कोड़हरा नौबरार।