बैरिया क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय पर तैनात सहायक अध्यापिका ने कला वर्ग की जगह विज्ञान वर्ग का लगाया था अंकपत्र। जांच में फर्जीवाड़ा के कई तथ्य आए सामने, मुकदमा दर्ज कराने को दिए आदेश। माध्यमिक शिक्षा परिषद के पत्र से स्पष्ट हुई कूटरचना। वेतन में ले ली है एक करोड़ से अधिक की धनराशि।
बलिया : बैरिया क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय पर तैनात सहायक अध्यापिका राजकिशोरी सिंह की चार जन्मतिथि होने और अंक पत्र में कूटरचना करने के आरोप में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नियुक्ति तिथि से उनकी सेवा समाप्त की दी है। बड़ी बात यह कि यह कार्रवाई मार्च में रिटायर्ड होने से एक दिन पूर्व की गई है। सहायक अध्यापिका के विरूद्ध मुरारपट्टी के आनंद पाठक, बैरिया निवासी परशुराम मौर्य व चांदपुर के निवासी जयबहादुर सिंह ने फर्जीवाड़े का साक्ष्य सहित शिकायत किया था। आराेप लगाया था कि सहायक अध्यापिका के प्रमाण पत्रों में चार अलग-अलग जन्म तिथि दर्ज है। संबंधित के द्वारा सूर्यमुखा देवी प्राथमिक विद्यालय बैरिया, डा. लोहिया पूर्व माध्यमिक विद्यालय बैरिया, राधमोहन प्राथमिक विद्यालय बैरिया, प्रभावती कन्या जूनियर हाईस्कूल मधुबनी रानीगंज में प्रधानाध्यापक के पद भी कार्य किया गया है। प्रथम नियुक्ति मुरलीछपरा के टोला काशी राय में 27 वर्ष पहले हुई थी। 31 मार्च 2024 में रिटायर्ड होना था। शिकायकर्ताओं ने यह आरोप भी लगाया है कि संबंधित के द्वारा विभिन्न विद्यालयों में तैनाती के दौरान छात्रवृति में भी गबन किया गया है।
प्रकरण की जांच के क्रम में बैरिया के खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा जब शैक्षणिक योग्यता का मूल अभिलेख मांगा गया तो सहायक अध्यापिका ने उसे प्रस्तुत नहीं किया। इसके बाद शिकायतकर्ता आनंद पाठन ने डा. लोहिया सीनियर बेसिक विद्यालय से जन सूचना का अधिकार के तहत सूचना प्राप्त की, जिसमें संबंधित विद्यालय के द्वारा तीन जन्म तिथि होने का स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया। साक्ष्य की पुष्टि के लिए जब सहायक अध्यापिका को खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखने को कहा तो सहायक अध्यापिका ने सुनवाई में प्रतिभाग न कर डाक से स्व प्रमाणित शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की छायाप्रति खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में भेज दिया।
शिक्षिका के भेजे प्रमाण पत्रों का यह है विवरण
खंड शिक्षा अधिकारी बैरिया कार्यालय को प्राप्त अभिलेख में संबंधित शिक्षिका ने अपनी जन्म तिथि 30 नवंबर 1961 बताते हुए स्व प्रमाणित प्रति भेजा था। उसमें हाईस्कूल वर्ष 1978, अनुक्रमांक 630266, वर्ग ख, वैज्ञानिक, पूर्णाक 500 व प्राप्तांक 346, वहीं इंटरमीडिएट वर्ष 1980, अनुक्रमांक 334246 माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद, रेवती इंटर कालेज, वर्ग ख, वैज्ञानिक, पूर्णांक 500, प्राप्तांक 330, राजकीय महिला दीक्षा विद्यालय बलिया से 1989 में बीटीसी, गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर श्री सदुष्ट बाबा महाविद्यालय सुदिष्टपुरी बलिया से बीए वर्ष 1982 प्रस्तुत किया गया, लेकिन सभी के मूल प्रमाण पत्र मांग करने के बावजूद भी प्रस्तुत नहीं किया गया।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के पत्र से स्पष्ट हुई कूटरचना
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जब संबंधित शिक्षिका के अभिलेखों का सत्यापन माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव को पत्र भेज कर कराया गया तो वहां से संबंधित सहायक अध्यापिका के अंकपत्र में बड़े कूटरचना की पुष्टि हुई। उनके प्राप्तांक में भी अंतर हैं। बोर्ड की ओर से भेजे गए पत्र में हाईस्कूल में पूर्णांक 500 में शिक्षिका ने 228 अंक के साथ द्वितीय श्रेणी प्राप्त किया था। जबकि सहायक अध्यापिका ने नौकरी में दिए अंक पत्र में पूर्णाक 500 में प्राप्तांक 346 होने की पुष्टि की है। बोर्ड के अनुसार वह कला वर्ग की छात्रा थी, लेकिन संबंधित ने विज्ञान वर्ग का अंक पत्र लगाया था। खंड शिक्षा अधिकारी की आख्या पर बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सहायक अध्यापिका राजकिशोरी सिंह की सेवा रिटायर्ड होने से एक दिन पूर्व नियुक्ति तिथि से समाप्त की है।
एक करोड़ से अधिक ली है वेतन
सहायक अध्यापिका ने अपने सवा काल में लगभग एक करोड़ से अधिक वेतन लिए हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी को यह आदेश दिया गया है कि संबंधित पर मुकदमा दर्ज कराएं, लेकिन वेतन की रिकवरी के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है। अभी तक मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ है।
बोले अधिकारी
बीएसए मनीष कुमार सिंह के अनुसार सहायक अध्यापिका के द्वारा अंकपत्र में कूटरचना कर नौकरी की जा रही थी। नियुक्ति तिथि से उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। आगे की कार्रवाई गतिशील है।