फोरलेन के निर्माण में मानक का नहीं रख रहे हैं ध्यान, निगरानी का अभाव। एनएचएआइ ने क्षेत्र में एनएच-31 का मरम्मत कार्य भी नहीं किया था बेहतर। कई स्थानों पर एनएच-31 की मजबूती की पोल भी खुली। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में भी विभाग ने पकड़ी पुरानी राह। मिट्टी की जगह बालू भरकर हो रहा फोरलेन का निर्माण। नहीं हो रही निगरानी।
बलिया : ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना (Greenfield Expressway Project) का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हाथों फरवरी-2023 में हुआ था। उसके बाद से एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की ओर से नियुक्त कार्यदायी कंपनियां गाजीपुर से मांझी घाट तक कार्य कर रही हैं। 134 किलोमीटर फोर लेन सड़क बनने के बाद गाजीपुर-बलिया-मांझी घाट तक दो टोल प्लाजा भी बनाए जाएंगे, लेकिन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के क्रम में कार्य मानक के अनुसार नहीं किए जा रहे हैं। बैरिया क्षेत्र के लोगों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर निगरानी के लिए समिति गठित करने की मांग की है। फोरलेन की इस सड़क पर मिट्टी की जगह बालू भरकर रोलर चला दिया जा रहा है। सड़क में अधिकांश स्थानों पर रेत वाली मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में बारिश होने पर सड़क की मिट्टी बहने लग रही है। पिछले दिनों बारिश के दौरान कई स्थानों पर सड़क की मिट्टी बह गई थी।
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि बैरिया क्षेत्र में एनएचएआइ के अधिकारी कोई भी कार्य ठीक से नहीं कराए हैं। एनएच-31 का मरम्मत कार्य भी ठीक नहीं हुआ था। कई स्थानों पर एनएच-31 उखड़ गया है। टोला शिवनराय से आगे एनएच की स्थिति भी ठीक नहीं है। अभी के समय में फोरलेन के निर्माण में भी क्षेत्र में उसी अंदाज में कार्य कराया जा रहा है। रेत के टीले पर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को खड़ा किया जा रहा है। उस क्षेत्र के निवासी विकास सिंह, दिनेश सिंह, शिवनाथ सिंह, सुनील सिंह आदि ने बताया कि कार्य करा रहे कर्मचारी मनमाने तौर पर कार्य कर रहे हैं। शिकायत के बावजूद एनएचएआइ के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच रहे हैं। इन दिनों पानी का छिड़काव भी कम हो रहा है। इससे लोग धूल से परेशान हो जा रहे हैं।
बोले अधिकारी
एनएचएआइ आजमगढ़ के परियोजना निदेशक एसपी पाठक ने कहा कि सड़क का निर्माण मानक के अनुसार हो रहा है। हमलोग कार्यदायी संस्था पर लगातार नजर रख रहे हैं। किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होने दी जाएगी।