पुण्यतिथि तुम्हारे दिन लौटेंगे बार-बार, मेरे नहीं। तुम देखोगी यह झूमती हरियाली, पेड़ों पर बरसती हवा की बौछार। यह राग-रंग तुम्हारे लिए होंगी चिन्ताएं अपरम्पार। खुशियों की उलझन तुम्हारे लिए ह... Read more
पुण्यतिथि तुम्हारे दिन लौटेंगे बार-बार, मेरे नहीं। तुम देखोगी यह झूमती हरियाली, पेड़ों पर बरसती हवा की बौछार। यह राग-रंग तुम्हारे लिए होंगी चिन्ताएं अपरम्पार। खुशियों की उलझन तुम्हारे लिए ह... Read more