कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का समूह 53 साल के आरजेडी नेता और पूर्व शिक्षाविद मनोज झा को संयुक्त उम्मीदवार बनाया था तो एनडीए ने जेडीयू नेता हरिवंश पर एक बार फिर दांव लगाया था। राज्य सभा में दोबारा उपसभापति चुने जाने के बाद सिताबदियारा में खुशी का माहौल।
Ballia News Desk : राज्यसभा उपसभापति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को ध्वनि मत से राज्यसभा का उपसभापति चुन लिया गया है। राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने कहा कि हरिवंश को राज्यसभा का डिप्टी चेयरमैन (उपसभापति) चुना गया है।
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का समूह 53 साल के आरजेडी नेता और पूर्व शिक्षाविद मनोज झा को संयुक्त उम्मीदवार बनाया था तो वहीं एनडीए ने जेडीयू नेता हरिवंश पर एक बार फिर दांव लगाया था। दोनों ही बिहार से राज्यसभा सांसद हैं। हरिवंश मूल रूप से यूपी बलिया के सिताबदियारा के रहने वाले हैं। हरिवंश का जन्म 30 जून 1956 को बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था। हरिवंश के लिए माना जाता है कि वह जेपी आंदोलन से खासे प्रभावित रहे हैं।
पैतृक गांव में बांटी खुशियां
दोबारा उप सभापति चुने जाने की सूचना जब उनके गांव सिताबदियारा के लोगों को मिली तो सभी लोग खुशी से झूम उठे। कई स्थानों पर लोगों ने मिष्ठान वितरण कर एक-दूसरे से खुशी साझा किया। इस बार के इस चुनाव में दो सांसद उपसभापति पद के लिए आमने-सामने थे। एनडीए की ओर से प्रत्याशी हरिवंश नारायण सिंह थे तो यूपीए की ओर से मनोज झा को प्रत्याशी बनाया गया था। हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल इसी साल अप्रैल में पूरा हुआ था, जिससे पहले उन्हें दोबारा निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुन लिया गया था, अब वह दोबारा उप सभापति भी चुन लिए गए।
सरलता के बदौलत बनाई अलग पहचान
पत्रकार से राजनेता बने हरिवंश के उप सभापित चुने जाने के बाद उनके गांव में राधेश्याम सिंह, जैनेंद्र कुमार सिंह, छितेश्वर सिंह, अजय सिंह, सिताबदियारा के मुखिया सुरेंद्र सिंह, शिक्षक राजेश सिंह आदि ने बताया कि हरिवंश जी ने अपनी सरलता के बदौलत ही राजनीति में भी अलग पहचान स्थापित किया। उनके पीछे न गाड़ियों का काफिला होता है, और न ही विशेष सुरक्षा गार्ड। कोई अन्य दिखावा भी वह नहीं करते। वह जब भी गांव आए, गांव के लोग अगले दिन ही जान पाते हैं कि वे गांव आए हैं।
गांव से रहता गहरा नाता
हरिवंश नारायण सिंह वर्ष 2014 में जद यू से पहली बार राज्य सभा भेजे गए। वर्ष 2018 में पहली बार राज्य सभा में उप सभापति बने। इस अवधि में वे पांच बार अपने गांव पहुंचे हैं। वे दो भाई हैं, बड़े भाई रघुवंश नारायण सिंह डॉ. भीम राव आंबेडकर विश्व विद्यालय में इलेक्ट्रिक विभाग में इंजीनियर थे, अब सेवानिवृत होकर वहीं मुजफ्फरपुर में ही रहते हैं। दोनों ही भाइयों का गांव से हमेशा गहरा नाता रहा है।
बलिया के हरिवंश का संक्षिप्त परिचय
-जन्म-30 जून 1956
-प्राथमिक शिक्षा-टोला काशी राय
-हाईस्कूल-जेपी इंटर कालेज, जयप्रकाश नगर-1970
-इंटरमीडिएट-वाराणसी से 1972
-स्नातक व पत्रकारिता में डिप्लोमा-काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी।
-राज्यसभा सदस्य-अप्रैल 2014
-इसके बाद पत्रकारिता से विदा ले लिए।
-राज्य सभा के उप सभापति 2018
–दोबारा बने उप सभापति