गांवों में एक पक्के मकान के अंदर पांच भाइयों का परिवार रहता है। उन पांचों में एक या दो भाइयों के पास ही रहने के लिए कमरे होते हैं। शेष भाई कहीं बरामदा में या शेड डालकर अपना गुजारा करते हैं। क्या ऐसे लोग नहीं हैं प्रधानमंत्री आवास के हकदार।
बलिया टुडे डेस्क : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बलिया जिले में पंजीकृत 1.38 लाख परिवार के दोबारा सत्यापन का काम चल रह है। उम्मीद जतायी जा रही है कि इसमें तकरीबन 60 फीसद अभ्यर्थी अपात्र हैं। जांच के लिए जिले के 163 न्याय पंचायतों में री-वेरिफिकेशन का कार्य चल रहा है। जिला स्तरीय अधिकारियों की फौज को गांवों में जांच में जुटी है। ऐसे में जाहिर है भारी संख्या में अपात्र इस सूची से बाहर होंगे। प्रधानमंत्री आवास के जो मानक हैं, उस मानक के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है कि जांच के बाद लगभग 30 से 40 फीसद लोग ही आवास के पात्र रह जाएंगे, लेकिन सरकार की इस मंशा से हर कोई सहमत नहीं है। इसलिए कि अधिकारी पक्के मकानों के अंदर की तंग जिंदगी से अवगत नहीं हैं।
इस बात का जिक्र करते हुए कोड़रहा नौबरार, जयप्रकानगर की प्रधान रूबी सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र देकर कई अहम बिंदुओं से उन्हें अवगत कराया है। उन्होंने कहा है कि गांवों में एक पक्के मकान के अंदर पांच भाइयों का परिवार रहता है। उन पांचों में एक या दो भाइयों के पास ही रहने के लिए कमरे होते हैं। शेष भाई कहीं बरामदा में या शेड डालकर अपना गुजारा करते हैं। घर के अंदर रहने के लेकर आए दिन मारपीट तक होते रहती है। ऐसे लोगों को भी प्रधानमंत्री आवास की नितांत अवश्यकता है, लेकिन सरकारी मानक के अनुसार वे छंट जा रहे हैं, सिर्फ इसलिए कि उनका संयुक्त मकान पक्के का है। प्रधान ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि वे बाहर से नहीं दिखने वाली गरीबी की गहराई में जाने का प्रयास करें। जांच अधिकारी इस तह तक कभी नहीं पहुंच सकते। गांव के लोग इस बारे में सही बात बता सकते हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ओर से 2022 तक सभी को आवास देने का वादा किया गया है। बहुत से लोग इस आस में हैं कि यह आवास जब उन्हें मिलेगा तो वह कलह वाले संयुक्त घर से निकल कर अपना अलग मकान बना लेंगे, लेकिन जिस तरह से जांच में असंख्य लोगों की छंटनी की जा रही है, उससे ऐसे घरों में विवाद और तेजी से बढ़ेंगे। इस तरह के हजारों परिवारों के अंदर मकान को लेकर तनावपूर्ण माहौल है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह प्रधानमंत्री आवास का मानक नए सिरे से तय करें, ताकि संयुक्त परिवार में तंगहाली से गुजारा कर रहे लोगों को भी प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिल सके।