कोटे की दुकान यदि समूहों को ही देना है तो सरकार इसके लिए ठोस नियमावली तय करे। खुली बैठक में दुकान चयन का निर्णय किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है।खुली बैठक में न चाहते हए भी तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न हो जाते हैं।
बलिया टुडे : बैरिया विधान सभा के दुर्जनपुर की घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता सूर्यभान सिंह ने कहा कि दुर्जनपुर में गांव के माहौल की जानकारी करने के बाद ही वहां कोटे की दुकान चयन की बैठक आयोजित करनी चाहिए थी। उस गांव के माहौल की जानकारी नहीं होने के चलते ही हंगामे का माहौल उत्पन्न हुआ। ऐसे स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा का इंतजाम करने के बाद ही बैठक आयोजित करनी चाहिए। बैठक से पहले जिला प्रशासन काे संबंधित गांव में गोपनीय रूप से पता करना चाहिए कोटे की दुकान के लिए किस तरह की प्लानिंग किस पक्ष की ओर से की गई हैं। इसलिए कि बैठक में पक्ष और विपक्ष के लोग एक साथ बैठे होते हैं। उनके मन के अंदर क्या चल रहा है, इस बात की जानकारी कर पाना किसी के भी बस की बात नहीं हैं।
श्री सिंह अभी अस्वस्थ हाल में लखनऊ में अपना उपचार करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोटे की दुकान की बैठक में अक्सर हंगामें का अंदेशा रहता है। एक बार जयप्रकाशनगर में भी ऐसी बैठक हुई थी। वहां भी लग रहा था कि दो पक्ष कभी भी आमने-सामने हो जाएंगे, उस वक्त मेरी पत्नी प्रधान रूबी सिंह मौके पर नहीं थी, यदि होती तो संभव है कुछ हंगामा हो सकता था, लेकिन आपसी सामंजस्य से किसी तरह मामला शांत कराया गया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कोटे की दुकान यदि समूहों को ही देना है तो सरकार इसके लिए ठोस नियमावली तय करे। खुली बैठक में दुकान चयन का निर्णय किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। दुर्जनपुर की घटना से सभी को सबक लेने की जरूरत है। पीडि़त परिवार के प्रति भी उन्होंने अपनी संवेदना व्यक्त की है और शासन से मांग किया है कि इस घटना की गहनता से जांच कर जो भी दोषी हो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए।