बलिया डेस्क : बैरिया तहसील के दुर्जनपुर गांव में कोटे की दुकान को लेकर हुए विवाद में एक की हत्या और मारपीट में घायल आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह के घर की महिलाएं घटना के चार दिनों के बाद सदर अस्पताल में उपचार कराने के के बाद हिन्दू युवा वाहिनी के जिला प्रभारी पंकज सिंह के साथ अपने घर पहुंची। धीरेंद्र सिंह की मां कांति देवी, भाभी आशा सिंह व आराधना सिंह दोपहर बाद अपने घर दुर्जनपुर जब पहुंची तो घर में तोड़ फोड़ के बाद बिखरे सामानों को देखकर रोने लगीं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवान पलंग व आलमारी से लाखों रुपये मूल्य के सोने चांदी के आभूषण व हजारों रुपये नगदी गायब हैं। धीरेंद्र की भाभी आशा सिंह ने बताया पुलिस वालों ने घर में कुछ भी नहीं छोड़ा है। मेरे घर में आलमारी में गहने व रुपये थे, जबकि आराधना सिंह पत्नी प्रयाग सिंह के घर में दिवान पलंग में लाखों रुपये के सोने चांदी के गहने व 20 हजार रुपये नगद रखे थे।
धीरेंद्र की पत्नी और बहन अभी तक नहीं लौटीं घर
आशा सिंह ने बताया कि पुलिस ने 15 अक्टूबर की रात में धीरेंद्र सिंह की पत्नी रूमा सिंह व उनकी बहन मिनी सिंह को हिरासत में लेकर कहीं ले गई थी, आजतक ये लोग घर नहीं लौटे। इन दोनों को पुलिस ने कहा रखा है, कोई बताने को तैयार नहीं है। घर महिलाओ ने कहा कि रात में बिना महिला पुलिस के महिलाओं पकड़ कर पुलिस ले गई, यह कहां का नियम है। इस मौके पर मौजूद हिन्दू युवा वाहिनी के जिला प्रभारी पंकज सिंह बताया कि घर के सभी दरवाजे तोड़ दिए गए हैं। ऐसे में यह घर महिलाओं को रहने के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए इन्हें श्रेया पैलेस रानीगंज में रहने की व्यवस्था की गई है। धीरेन्द्र सिंह के परिजनों से भूतपूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारियों के अलावा हिन्दू युवा वाहिनी के मनीष सिंह उज्जैन, सूर्य प्रकाश श्रीवास्तव, पीयूष सिंह, राकेश सिंह सहित दर्जनों पदाधिकारी मिले और उनके दर्द को साझा करने का प्रयास किया।