सपा में टिकट की दावेदारी को लेकर आपस में अलगाव की बयार बहने लगी है। जेपी के गांव में आयोजित गोवर्धन पूजा में मंच पर भी आयोजक सपा नेता सूर्यभान सिंह के संबोधन ने पार्टी के अंदर की राजनीति को उजागर करने में कोई कसर बाकी नहीं रखा। इससे स्पष्ट होता है कि सपा में टिकट की दावेदारी को लेकर सभी अपना दांव चलने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं।
- एस पांडेय
जयप्रकाशनगर, बलिया : जेपी के गांव जयप्रकाशनगर के संसार टोला में आयोजित गोवर्धन पूजा में भले ही आंस्था का सैलाब उमड़ा था, लेकिन सभा के मंच पर समाजवादी पार्टी के अंदर के दांव-पेंच खुले रूप से सामने आए। सभा के मंच से ही सपा नेता सूर्यभान सिंह ने अपने संबोधन में पार्टी के कई नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि गोवर्धन पूजा एक धार्मिक कार्यक्रम था, लेकिन सपा के सभी विशिष्ट अतिथियों ने इस आयोजन का बाॅयकाट किया। इससे स्पष्ट होता है कि बाहर से देखने वालों के लिए भले ही सपा एक हैं, लेकिन मन के अंदर अलगाव की बयार बह रही है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह नहीं आकर अपने प्रतिनिधि के रूप में पूर्व जिलाध्यक्ष संग्राम सिंह यादव को नामित कर भेजे थे। इससे कार्यक्रम की शोभा जरूर बढ़ी, लेकिन जो लोग नहीं आए, इससे काफी कष्ट भी पहुंचा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पार्टी जिलाध्यक्ष, पूर्व लोक सभा प्रत्याशी, बैरिया विधान सभा के दो पूर्व विधायक को रखा गया था, लेकिन इनमें से कोई भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ। पार्टी के कुछ नेता तो इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को आने से भी रोक रहे थे। इस बात की भी सूचना मिली है। यह सब करने के पीछे का कारण सिर्फ यह है कि सपा से टिकट मांगने वालों की पंक्ति में मै भी शामिल हो गया हूं। मै पार्टी के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या सपा से टिकट की मांग करना पार्टी के नेताओं का विरोधी होना है। यदि ऐसा नहीं है तो यह अलगाव क्यों। सभी को इस बात का जवाब देना चाहिए। सभी अतिथियों के नाम के फोटोयुक्त पोस्टर मंच पर भी लगाए गए थे, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया गया। इससे पार्टी की एकता पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस प्रकरण को मै दमदारी से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश जी के यहां भी रखूंगा।