जब देश का प्रधानमंत्री ही 62 करोड़ किसानों की बात सुनने के बजाय पूंजीपतियों के पोषण के तीन खेती विरोधी काले कानूनों को सही बताए तो न्याय कौन देगा। जब देश के मुखिया ही तीन कृषि कानूनों के समर्थन में आ खड़े होंगे तो बातचीत किससे होगी। कैसे होगी और उस बातचीत का फायदा क्या होगा।
दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों का विपक्ष ने समर्थन किया है। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं। वहीं शिव सेना ने भी किसानों का समर्थन किया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी के ‘मन की बात’ पर काउंटर अटैक करते हुए, 12 हजार किसानों पर हरियाणा सरकार द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने की मांग की है। साथ ही उन्होंने सरकार से तीनों कृषि कानून सस्पेंड करने की भी मांग की है। सुरजेवाला ने अपने संबोधन की शुरुआत महात्मा गांधी के वाक्य को कोट करते हुए की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि जो कानून तुम्हारे अधिकारों की रक्षा न कर सके, उसकी अवहेलना करना तुम्हारा परम कर्तव्य है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गृह मंत्री और कृषि मंत्री किसानों से वार्तालाप का स्वांग करते हैं, आज मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी जी खेती विरोधी तीनों काले कानूनों को सही ठहराते हैं। आज मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने देवी अन्नपूर्णा की बात की। क्या देवी अन्नपूर्णा दिल्ली के चारों ओर लाखों की संख्या में बैठे अपने बच्चों यानी कराहते किसानों की दुर्दशा देख खुश होंगी। क्या मोदी जी ने इस बारे में भी सोचा। इसके आगे उन्होंने किसान कानूनों को जस्टिफाई करने के नरेंद्र मोदी के कथन पर कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश में आंदोलनरत किसानों का अपमान करते हुए कृषि विरोधी काले कानूनों को सही बता दिया। जब देश का प्रधानमंत्री ही 62 करोड़ किसानों की बात सुनने के बजाय पूंजीपतियों के पोषण के तीन खेती विरोधी काले कानूनों को सही बताए तो न्याय कौन देगा। जब देश के मुखिया ही तीन कृषि कानूनों के समर्थन में आ खड़े होंगे तो बातचीत किससे होगी। कैसे होगी और उस बातचीत का फायदा क्या होगा।
राहुल गांधी ने किया किसानों का समर्थन
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने ‘मन की बात’ में कृषि कानूनों को किसान हित में बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते कहा है, “वादा था किसानों की आय दोगनी करने का, मोदी सरकार ने आय तो कई गुना बढ़ा दी, लेकिन अदानी-अंबानी की। जो काले कृषि क़ानूनों को अब तक सही बता रहे हैं, वो क्या ख़ाक किसानों के पक्ष में हल निकालेंगे।अब होगी किसान बात।
वादा था किसानों की आय दुगनी करने का, मोदी सरकार ने आय तो कई गुना बढ़ा दी लेकिन अदानी-अंबानी की!
जो काले कृषि क़ानूनों को अब तक सही बता रहे हैं, वो क्या ख़ाक किसानों के पक्ष में हल निकालेंगे?
अब होगी #KisaanKiBaat
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 29, 2020
शिव सेना भी आई साथ
किसानों के विरोध-प्रदर्शन का शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा के सांसद संजय राउत ने समर्थन करते हुए कहा केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान आज चौथे दिन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है। उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है। इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है।
The way farmers have been stopped from entering Delhi, it looks like as if they don't belong to this country. They have been treated like terrorists. Since they are Sikh&have come from Punjab&Haryana, they're being called Khalistani. It is insult to farmers:Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/XaE529oZUL
— ANI (@ANI) November 29, 2020
क्या बोले सपा के अखिलेश
सपा मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसानों को भाजपा सरकार द्वारा आतंकी कहे जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि किसानों को आतंकवादी कहकर अपमानित करना भाजपा का निकृष्टतम रूप है। ये अमीरों की पक्षधर भाजपा का खेती-खेत, छोटा-बड़ा व्यापार, दुकानदारी, सड़क, परिवहन सब कुछ, बड़े लोगों को गिरवी रखने का षड्यंत्र है। अगर भाजपा के अनुसार किसान आतंकवादी हैं तो भाजपाई उनका उगाया न खाने की कसम खाएं।
किसानों को आतंकवादी कहकर अपमानित करना भाजपा का निकृष्टतम रूप है. ये अमीरों की पक्षधर भाजपा का खेती-खेत, छोटा-बड़ा व्यापार, दुकानदारी, सड़क, परिवहन सब कुछ, बड़े लोगों को गिरवी रखने का षड्यंत्र है.
अगर भाजपा के अनुसार किसान आतंकवादी हैं तो भाजपाई उनका उगाया न खाने की कसम खाएं. pic.twitter.com/BAD6NSiBYZ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 29, 2020
क्या बोलीं बसपा की मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सरकार से तीनों कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित और आंदोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केंद्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) November 29, 2020