बिहार व यूपी के प्रवासी मजदूरों के दर्द को बयां करती बंबई में का बा गीत को लिखने वाले बलिया जिले के नगरा विकास खंड अंतर्गत ककरी गांव के लाल डा. सागर को सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरवैया शिल्प सम्मान से नवाजा जाएगा।
बलिया : कोरोना काल में बिहार व यूपी के प्रवासी मजदूरों के दर्द को बयां करती ‘बंबई में का बा’ गीत को लिखने वाले बलिया जिले के नगरा विकास खंड अंतर्गत ककरी गांव के लाल डा. सागर को सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरवैया शिल्प सम्मान से नवाजा जाएगा। इस की खबर मिलते ही ककरी गांव में खुशी का माहौल है। मनोज पाजपेई द्वारा गाए गए ‘बंबई में का बा’ गीत ने पिछले दिनों यू ट्यूब पर व्यूअरशिप के कई रिकार्ड तोड दिए। इसी गाने की तर्ज पर कई और गानों ने बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान खूब धूम मचाए थे।डा. सागर मुंबई महाराष्ट्र को बंबई में का बा गीत के लिए ही इस सम्मान के लिए चुना गया है। पुरवैया निर्णायक समिति द्वारा वर्ष 2020 के पुरवैया राष्ट्रीय सम्मान हेतु विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का चयन किया गया गया है। इसमें विभिन्न प्रकार के पुरस्कार दिए जाते हैं। यह सम्मान सावित्री बाई फुले की जन्म तिथि के अवसर पर 3 जनवरी 2021 को दिया जाएगा। इस साल महामारी कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए आनलाइन प्लैटफार्म के जरिए ही प्रदान किया जाएगा। पुरवैया एक राष्ट्रीय सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था है जो वर्ष 2009 से भारत सरकार के योजना मंत्रालय और दिल्ली सरकार से पंजीकृत है। हर साल यह संस्था समाज, साहित्य , शोध और सिनेमा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्ति अथवा संस्था को सम्मानित करती है।