काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र की छात्रा हैं नेहा, कोरोना संकट काल में अपने घर रहकर क्रिएटिविटी में जुटीं। BHU के 100 वर्षों में पहली बार किसी विद्यार्थी का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। बलिया के जिलाधिकारी ने घर जाकर किया सम्मानित। हर तरफ हो रही सराहना।
बलिया : उत्तर प्रदेश में बलिया जिले की नेहा सिंह ने खनिज रंगों से भगवद् गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नाम चित्र बनाकर अपना नाम गिनीज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है। नेहा सिंह अपने जिले की इकलौती बेटी हैं, जिन्हें ये उपलब्धि हासिल हुई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश की श्रेया तातिनेनी के नाम था। रविवार को एक समारोह में DM श्रीहरि प्रताप ने नेहा सिंह को सर्टिफिकेट देकर उनका मान बढ़ाया।
इस उपलब्धि के बाद नेहा सिंह का नाम काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के इतिहास में भी दर्ज हो गया है। BHU के 100 साल के इतिहास में नेहा सिंह पहली छात्रा हैं, जिनका व्यक्तिगत नाम गिनीज बुक में दर्ज हुआ है।
BHU में वैदिक विज्ञान की छात्रा हैं नेहा सिंह
नेहा सिंह रसड़ा गांव की रहने वाली हैं। वे वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र में अध्ययन कर रही हैं। कोरोना संकट काल में जब लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो वे अपने घर बलिया चली गई थीं। आज कल उनका समय भागदौड़ एवं मोह-माया से दूर वैदिक विज्ञान, उपनिषद, भगवद्गीता, भारतीय संस्कृति आदि विषयों में निरंतर शोध एवं अध्ययन में करने में बीतता है। नेहा इस चित्रकारी की तैयारी एक साल से कर रही हैं। नेहा सिंह ने अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी अपने घर के बाहर लगाई है। जिसे देखने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।
18 अध्यायों को 18 शाखाओं में दर्शाया
नेहा ने बताया कि घर बैठकर खनिज रंगों को तैयार किया। इसके बाद पेंटिंग बनाई है। इसका आकार 62.72 स्क्वॉयर मीटर यानि 675.36 स्क्वॉयर फीट है। पेंटिंग जुलाई महीने में ही गिनीज के नियमों के अनुसार तैयार करके ऑनलाइन सारा डाक्यूमेंट्स जमा कर दिया था। मगर कोविड-19 के चलते गिनीज मुख्यालय से जवाब आने में चार महीने का समय लग गया था।करीब 8 अलग-अलग पेंटिंग को नकारने के बाद अंतिम गिनीज रिकॉर्ड के लिए भगवद्गीता पर आधारित पेंटिंग बनाई। इसमें भगवद्गीता के 18 अध्यायों को, पेड़ के 18 शाखाओं में और एक-एक शाखाओं में 1 से 18 पत्तों का चित्रण करके ऊपर कमल एवं ॐ से मोक्ष प्राप्ति का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
एक साल से की तैयारी, बेच दिए अपने सभी पेंटिंग्स
नेहा ने कहा कि पहले यह रिकॉर्ड भारत के ही आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली श्रेया तातिनेनी के नाम था। जिन्होंने 29 सितंबर 2019 को 54.67 स्क्वॉयर मीटर यानी 588.56 स्क्वॉयर फीट में खनिज रंगों से पेंटिंग बनाई थी। उसी समय से इसी रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए एप्लीकेशन डाला हुआ था। मगर गिनीज रिकॉर्ड से अनुमति मिलते एवं तैयारियां करते करते साल भर का समय लगा। नेहा ने इस कार्य की तैयारी और उसे पूर्ण रूप देने के लिए पिछले सात सालों से खुद से बनाई गई अपनी सभी पेंटिंग मुंबई के एक चित्रकला के व्यापारी को बेच दिए।
पहले भी दर्ज हैं कई रिकॉर्ड
पहला रिकार्ड 16 लाख मोतियों से 10×11 फुट का भारत का नक्शा बनाकर WORLD RECORD OF INDIA में दर्ज कराया है। दूसरा रिकार्ड 449 फीट कपड़े पर 38417 डॉट-डॉट कर उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा लिख कर EURASIA WORLD RECORD में दर्ज कराया है। तीसरा रिकार्ड दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम बनाकर INDIAN BOOK OF RECORDS में दर्ज कराया है।