जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पांचवे स्थापना दिवस की शुभारंभ। बोले मंत्री उपेंद्र बलिया में मेडिकल कालेज भी अवश्य खुलेगा, चल रहा प्रयास। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्र. कल्पलता पांडेय ने कहा कि मेरा लालन पालन बलिया में हुआ है और मैं यहां के ऋण से उऋण होने के लिए इस विश्वविद्यालय में आई हूं।
बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पांचवें स्थापना दिवस का शुभारंभ रविवार को परिसर स्थित सभागार में हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री उपेन्द्र तिवारी रहे। उन्होंने कहा कि मुझे बलिया की धरती पर पैदा होने का गर्व है। अगर इस विश्वविद्यालय की सेवा करने का मौका दिया गया तो मैं शिकायत का मौका नहीं दूंगा। आने वाले दिनों में यहां मेडिकल कॉलेज अवश्य खुलेगा। जिसके लिए प्रयास किया जा रहा है। यदि खेल के क्षेत्र में कुछ करने का मौका मिला तो उसे पूरा करने का प्रयास करूंगा। इससे पहले सारस्वत अतिथि प्रो. लल्लन सिंह, पूर्व कुलपति, हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, गढ़वाल, उत्तराखंड ने अपने उद्बोधन में कहा कि शोध के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करना होगा। पाठ्यक्रम में बदलाव लाना होगा। नवाचार को लाना होगा और उद्योगों से जुड़ना होगा। इन विश्वविद्यालय को यूजीसी से 12 बी की मान्यता दिलाने के लिए मैंने यूजीसी के अध्यक्ष से बात की है और शीघ्र ही विश्वविद्यालय को यह मान्यता प्राप्त हो जाएगी।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्र. कल्पलता पांडेय ने कहा कि मेरा लालन पालन बलिया में हुआ है और मैं यहां के ऋण से उऋण होने के लिए इस विश्वविद्यालय में आई हूं। यह विश्वविद्यालय पूर्वांचल के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करेगा। मैं इस विश्वविद्यालय को प्रदेश के टॉप 10 विश्वविद्यलयों में सम्मिलित कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं। इन अवसर पर डॉ. दिलीप श्रीवास्तव, डॉ. अरविंद नेत्र पांडेय, डॉ निवेदिता श्रीवास्तव, डॉ. अशोक कुमार सिंह डॉ. साहेब दुबे, डॉ. अखिलेश राय, डॉ. प्रतिभा त्रिपाठी, डॉ. अजय पांडेय, महेश कुमार, शोक विमोचन त्रिपाठी, डॉ. प्रमोद शंकर, डॉ. नेहा, डॉ. अतुल, रंजना, अनामिका, डॉ. यादवेंद्र आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डॉ जैनेन्द्र पांडेय ने किया और कुलगीत की प्रस्तुति अरविंद उपाध्याय एवं सहयोगियों ने की। संचालन डॉ. निशा राघव एवं डॉ ममता वर्मा ने किया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव संजय कुमार ने किया।
सृजन 2020 का हुआ गायन
इस कार्यक्रम में विश्विद्यालय की वार्षिक सांस्कृतिक प्रतियोगिता’ सृजन 2020′ के शास्त्रीय गायन , मूक अभिनय, उपशास्त्रीय गायन, काव्य पाठ , तबला वादन, शास्त्रीय एकल नृत्य आदि प्रतियोगिताओं के विजेताओं ने अपनी प्रस्तुति से सभी दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इसी क्रम ‘चरण दास चोर’ के मंचन में मुकेश ने अपने जीवंत अभिनय से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।