राजयमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने सपा और कांग्रेस को कहा भ्रष्टाचार और घोटालों वाली सरकार। शहीद भगवती चौबे जवहीं दियर से नई बस्ती तक के मार्ग का किया लोकापर्ण। उत्तर प्रदेश में महज तीन सालों में 20 लाख शहरी आवास एवं 14 लाख 61 हजार आवास उत्तर प्रदेश में 2019 तक बने हैं।
बलिया : आर्थिक जनगणना 2011 के आधार पर वर्ष 2016 से प्रधानमंत्री आवास बनने शुरू हुए हैं। उत्तर प्रदेश में महज तीन सालों में 20 लाख शहरी आवास एवं 14 लाख 61 हजार आवास उत्तर प्रदेश में 2019 तक बने हैं। इसका पूर्ण विवरण सरकार के पास उपलब्ध है। यही नहीं 2011 के सर्वे में वंचित रहे गए गरीब लोगों को आवास देने के लिए मुख्यमंत्री के अनुरोध पर प्रधानमंत्री ने पुन: आवास ऐप पर वंचितों को आवास देने की अनुमति दी। जिसके तहत प्रदेश में 54 लाख 49 हजार वंचितों की सूची तैयार की गई है। यह बातें प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री ग्राम विकास एवं संसदीय कार्य आनंद स्वरूप शुक्ल ने कही। वह मलिकपुरा में सड़क एवं बिजली के लोकार्पण के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शहीद भगवती चौबे मार्ग ग्राम सभा बहादुरपुर से जवहीं दियर नई बस्ती तक का लोकापर्ण भी किया। श्री शुक्ल ने लोहिया आवास को लेकर सपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। किसान ऋण मांफी के नाम पर केंद्र की पिछली यूपीए सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार पर धांधली एवं लूट खसोट करने वाली सरकार थी। उन्होंने सपा नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि पूरे हनुमानगंज ब्लाक में जितने भी लोहिया आवास प्रस्तावित है, उनका निर्माण कार्य कहीं भी पूरा नहीं हुआ है। यही हाल प्रदेश के दूसरे जनपदों में भी है।
किसान सम्मान से बदली किसानों की दशा
यूपीए सरकार ने महज पचास हजार करोड़ किसानों का ऋण माफ किया। जबकि हमारी केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि के रूप में रति वर्ष एक लाख पचास हजार करोड़ रुपये किसानों के खातों में दे रही है। इससे किसानों की दशा बदल रही है। हर गांव को बिजली से जोड़ने के संकल्प के तहत देश में बीस हजार गांवों को बिजली से जोड़ा गया है। इस अवसर पर अपर मुख्य अधिकारी रमेश सिंह, अभियंता मनेाज सिंह, अवर अभियंता सुशील सिंह, विद्युत विभाग के एसडीओ मिथिलेश कुमार बिंद, अमृत कुमार सिंह, जनाड़ी ग्राम प्रधान घनश्याम पांडेय, नगवा प्रधान प्रतिनिधि विमल पाठक, अंजनी पांडेय, प्रेम राय, अवनीश शुक्ल, अनुभव सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा निवृत शिक्षक मदन मिश्र ने किया।