मानव संपदा पोर्टल ऑनलाइन प्रणाली विगत 4 सितंबर 2019 से है लागू। पोर्टल पर अभी तक 100 फीसद नहीं अपलोड हुआ शिक्षकों का अंक पत्र और प्रमाण पत्र। शासन से महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने 21 दिसंबर को एक पत्र जारी कर सख्त चेतावनी दी है।
बलिया : फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने वालों पर नकेल कसने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित सभी सभी विद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, अनुचरों आदि के अवकाश आवेदन, स्वीकृति व सेवा पुस्तिका के रख-रखाव के लिए एनआइसी की ओर से विकसित मानव संपदा पोर्टल से ऑनलाइन प्रणाली विगत 4 सितंबर 2019 को ही लागू की गई थी। इस पोर्टल पर उपलब्ध डेटा और समय-समय पर समीक्षा करने का उत्तरदायित्व खंड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी गई है। इस पोर्टल पर सभी शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों अनुचरों को शैक्षणिक योग्यता के अंकपत्र व प्रमाण पत्र अपलाेड कराने थे। इसके बाद भी बहुत से शिक्षकों के शैक्षणिक अंकपत्र और प्रमाण पत्र पोर्टल पर अधिकारियों की ओर से अभी तक अपलोड नहीं कराए गए हैं। जनपदवार अधिकारियों की शिथिलता पाए जाने के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने 21 दिसंबर को एक पत्र जारी कर सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने शीघ्र स्नातक, बीएड, बीटीसी का अंकपत्र और प्रमाण पत्र अपलोड कराने को कहा है। उन्होंने जनपदवार डेटा भी जारी किया है। जिसके बाद सभी शिक्षकों और अन्य शिक्ष्णेत्तर कर्मचारियों में खलबली मची है।
- मानव संपदा पोर्टल पर बलिया की यह है रिपोर्ट
- शिक्षक शिक्षणेतर कर्मचारियो की संख्या 9859
- अपलोड स्नातक अंकपत्र-8 प्रतिशत
- अपलोड स्नातक प्रमाण पत्र-20 प्रतिशत
- बीएड अंकपत्र-73 प्रतिशत
- बीएड प्रमाण पत्र-75 प्रतिशत
- बीटीसी प्रमाण पत्र-23 प्रतिशत
बोले बीएसए-कम दिख रहा आकड़ा, 100 फीसद हुआ अपलोड
मानव संपदा पोर्टल शिक्षकों के अंक पत्र व प्रमाण पत्र कम संख्या में अपलोड होने का कारण पूछने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने बताया कि बलिया के सभी शिक्षा क्षेत्रों से खंड शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, अनुचरों डेटा 100 फीसद अपलोड कराकर उसकी हस्ताक्षरयुक्त प्रति जिला मुख्यालय को उपलब्ध करा दी है। मानव संपदा पोर्टल पर यह क्यों नहीं दिख रहा है। इस संबंध में विभाग में लिखा जाएगा। सभी शिक्षकों या शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए यह अनिवार्य कार्य है।