विधायक की ओर से माेबाइल पर भ्रष्टाचार में लिप्त बताए जाने पर उठाया यह कदम।जिलाधिकारी को लिखे पत्र में तहसीलदार ने अपनी संपति की जांच की भी की मांग
बलिया : विधायक सुरेंद्र सिंह की ओर से तहसीलदार बैरिया शिवसागर दुबे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से आहत तहसीलदार ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल अपने को तहसीलदार पद से हटाने व पूरे नौकरी काल में अर्जित की कई संपत्ति की जांच कराने का आग्रह किया है। इस पत्र के बाद राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज हो गई है। तहसीलदार ने कहा कहा है कि गुरुवार को सुबह विधायक किसी बात को लेकर फोन किए और कहा कि आप ईमानदारी का चोला ओढ़कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। जिससे मुझे काफी कष्ट पहुंचा है। मैं तहसीलदार के पद पर हूं जो काफी जिम्मेदारी का पद है। इसमें भ्रष्टाचार करने का मौका है, इसलिए मुझे ऐसे पद पर पदास्थापित किया जाए जहां भ्रष्टाचार संभव न हों। तहसीलदार ने स्पष्ट किया कि उनकी नौकरी एक वर्ष एक सप्ताह शेष बची है। विधायक जनता के जनप्रतिनिधि होते हैं इसलिए उनकी शिकायत को जिलाधिकारी गंभीरता से ग्रहण करें और उचित कार्यवाही करें।
स्वेच्छाचारी है बैरिया का तहसीलदार : विधायक
इस बाबत पूछने पर विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने बताया तहसीलदार स्वेच्छाचारी हैं। समाज में अशांति फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। भरत छपरा में 2 माह पूर्व राजस्व विभाग द्वारा ही भूमि की पैमाइश के बाद गाड़े गए पत्थरों को बिना किसी नोटिस के उखड़वाकर फेंक दिया गया। जिससे वहां बड़े बवाल की आशंका बढ़ गई है। वहीं जगदेवा में अवकाश प्राप्त राजस्व निरीक्षक नारायण यादव के यहां पैमाइश के बाद दोबारा तहसीलदार मनमाना फरमान सुना दिए। जिसके चलते दो पक्षों में मारपीट हुई। तहसीलदार की गाड़ी पर भी ईट-पत्थर चले थे। यह सब देखते हुए मैंने तहसीलदार को समझाया था कि ऐसा न करें। मेरे ऊपर दबाव बनाने के लिए उन्होंने इस तरह का पत्र जिलाधिकारी को लिखा है।