बलिया : जिलाधिकारी बलिया श्रीहरि प्रताप शाही ने गुरूवार को गंगापुर में चल रहे कटानरोधी कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ खंड के अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता से खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए। समय का भी ख्याल रखने की भी हिदायत दी। कहा कि हर हाल में 10 दिन के अंदर पुराने प्रोजेक्ट का कार्य समाप्त हो जाना चाहिए। जिलाधिकारी इस बात को लेकर अभी से गंभीर है कि कटान रोकने के लिए अभी से काम जारी रखा जाए। इसी उद्देश्य से उन्होंने बाढ़ खण्ड के अफसरों को पूरी सख्ती से काम कराने का निर्देश दे रखा है। निरीक्षण के दौरान इंजीनियरों ने बताया कि गंगापुर डगरा के समीप 4 करोड़ 70 लाख रुपये व सोनार टोला के पास तीन करोड़ साठ लाख के प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू कराया गया था। लेकिन, गंगा का जलस्तर बढ़ने से काम रुक गया था। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्य शुरू कराया गया है। डीएम ने कार्य के मानक आदि के बारे में पूछताछ की। एक्सईएन ने बताया कि एक मीटर ऊंचाई व डेढ़ मीटर चौड़ाई का 9-लेयर तक लोहे की जाली में बोल्डर डालकर करीब ढाई सौ मीटर की लंबाई तक प्लेटफार्म बनाना है। ठीक इसी तरह का प्लेटफार्म सोनार टोला में भी करीब 200 मीटर में हो रहा है। शासन में स्वीकृत के लिए भेजी गई अन्य परियोजनाओं के सम्बंध में भी जानकारी ली। इस मौके पर एसडीओ कमलेश कुमार, जेई प्रशांत कुमार आदि थे।
अधिकारियों से पूछा, करोड़ों खर्च का क्या मिला फायदा
गंगापुर में कटानरोधी कार्य के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गत वर्ष पहले पचरुखिया में करीब 30 करोड़ रुपए की लागत से नदी की धारा को मोड़ने के हुए कार्यो की प्रगति और उससे निकलने वाले परिणाम की जानकारी ली। बैराज खंड के अवर अभियंता जितेंद्र भारती ने बताया कि कुछ बालू की सिल्टिंग हो गई है, जिसको पुनः खुदाई करने की योजना चल रही है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च कर अगर सकारात्मक परिणाम नहीं मिले तो यह ठीक नहीं है। नाराजगी जताते हुए जल्द ही स्थलीय निरीक्षण की बात कही।
पक्के निर्माण को रोकवाने के निर्देश
बाढ़ खण्ड के अधिकारियों ने बताया कि सुनार टोला के पास भी एक स्पर का निर्माण होना है। वहां सेफ जोन समझकर कुछ लोग घर व अन्य निर्माण कार्य शुरू करा दिए हैं। जिलाधिकारी ने बंधे के दक्षिण दिशा में हो रहे पक्के निर्माण को तत्काल रोकवाने के निर्देश दिए।