योगी सरकार एक तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ होने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ पूर्व विधायक ने जिले में पैदल मार्च कर स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खोलनी शुरू की है। भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुबहड़ से बलिया तक पैदल मार्च किए।
बलिया : भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह अपने बगावती तेवर को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। योगी सरकार एक तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ होने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ पूर्व विधायक ने आज जिले में पैदल मार्च कर स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खोली। उनके इस कदम से राजनैतिक भविष्य को लेकर चर्चा तेज हो गई है। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुबहड़ से बलिया तक पैदल मार्च किया। इस दौरान स्वास्थ्य महकमे को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस कर मरीजों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं तथा मोटी कमीशन के चक्कर में उन्हें वाराणसी व मऊ आदि जगहों पर रेफर कर रहे हैं। इसके कारण अधिकाधिक रोगियों की मृत्यु हो जाती है। सरकारी चिकित्सालय में एंटी रेबीज, एंटी स्नेक वेनम तथा दवाओं सहित डॉक्टरों का घोर अभाव रहता है।
एनआरएचएम में की जा रही खुलेआम लूट
उन्होंने कहा कि बलिया में एनआरएचएम में खुलेआम धन की लूट की जा रही है। इस योजना के तहत प्राथमिक विद्यालय के बच्चों, आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं इलाज के लिए लगाए गए वाहनों एवं चिकित्सकों का धरातल पर कोई अस्तित्व नहीं है। बलिया में स्वास्थ्य विभाग में संचालित योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं। रामइकबाल सिंह के आरोपों के बाद जनपद में और भी कई तरह की चर्चा तेज हो गई है। इसकी वजह यह है कि कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन के दौरान एनएचआरएम में कई दाबी बाबुओं को कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया था। इसलिए कि संबंधित बाबू गबन के कई बड़े गेम के मामले में शामिल थे। उनके विरूद्ध भाजपा के ही नेताओं ने कारवाई के लिए शासन को पत्र लिखा था, लेकिन हैरत की बात यह कि सभी दागी कुछ ही दिनों के बाद पुन: पवित्र हो गए। अब उन दागी बाबुओं या स्वास्थ्य विभाग के अन्य शातिर लोगों पर अब कोई बात नहीं होती। रामइकबाल सिंह के आरोपों को इसी वजह से बल मिल रहा है।