बलिया : भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और विधायक सुरेंद्र सिंह के बीच तनाव अब खुले मंच और बैठकों में भी सामने आने लगा है। बीते दो दिनों पहले बैरिया में संसद ने मंच से बिना नाम लिए विधायक पर अपनी भड़ांस निकली थी। उस सभा में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे। यह तकरार बुधवार को जिला विकास समन्वय व निगरानी समिति की बैठक में भी खुलकर सामने आ गई। भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह बैठक में ही आमने-सामने हो गए।भाजपा विधायक ने सांसद मस्त पर मनमानी का आरोप लगाया है तो दूसरी तरफ भाजपा सांसद ने कहा है कि भाजपा विधायक अधिकारियों पर गलत काम करने के लिए दबाव बना रहे थे। जिला मुख्यालय पर विकास भवन के सभागार में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुरू हुई बैठक में कुछ देर के लिए ऑफर-तफरी का माहौल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बैठक की शुरुआत होते ही अध्यक्षता कर रहे भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने अधिकारियों से विकास कार्यक्रमों को लेकर ब्यौरा मांगा, तभी भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह अपनी बात कहने लगे। भाजपा सांसद ने विधायक को रोका। इसी बीच बैठक में मौजूद भाजपा सांसद के एक समर्थक ने कुछ टिप्पणी कर दिया। यह टिप्पणी भाजपा विधायक को नागवार गुजरी तथा वह बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गए। बाहर निकलते समय सांसद व विधायक समर्थकों में नोकझोंक, अपशब्द देने के साथ ही झड़प भी हुई।
बोले विधायक-सांसद अनाधिकृत लोगों को बैठक में किए थे शामिल
बैठक का बहिष्कार करने के बाद भाजपा विधायक सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि जिला विकास समन्वय व निगरानी समिति की बैठक में सूची के अनुसार ही जन प्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद होते हैं। उन्होंने भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर मनमानी करने का आरोप लगाया तथा कहा कि बैठक में सांसद ने अनाधिकृत लोगों को बैठा दिया था। उन्होंने बताया कि वह इस बैठक में भाजपा सांसद मस्त द्वारा बाबा के शिवपुर ग्राम के विजय बहादुर सिंह की भूमि हड़पने का मसला उठाना चाहते थे। उधर भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने बैठक में हंगामा की स्थिति से इंकार किया।
बोले सांसद-बैठक में दबाव बना रहे थे विधायक
इस संबंध में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त से मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कहा कि बैठक व्यवस्था के जरिये संचालित होता है। बैठक में भाजपा विधायक अधिकारियों पर गलत काम करने के लिए दबाव बना रहे थे, वह गलत काम को स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने एक सवाल के जबाब में कहा कि उन्हें बखूबी पता है कि बैठक में किसको सम्मिलित होना है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र सिंह उनको नहीं सीखा सकते कि बैठक का किस तरह से संचालन हो। जिलाधिकारी एचपी शाही ने बैठक में हंगामा को लेकर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।