बलिया के नगवा गांव में जन्मे 1857 आजादी की पहली क्रांति के महानायक मंगल पांडेय की जन्म तारीख को विकिपीडिया पर सुधरवाने के लिए जुलाई 2020 में भी बलिया के लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की थी। इसके बावजूद उनकी जन्म तारीख 19 जुलाई 1827 ही दिखा रहा है।
बलिया : आजादी के महानायक मंगल पांडेय की जन्म तारीख 30 जनवरी है लेकिन गूगल विकिपीडिया अभी भी उनकी जन्म तारीख 19 जुलाई 1827 ही दिखा रहा है। इससे देश भर के लोग भ्रमित हो रहे हैं। बलिया के नगवा गांव में जन्मे 1857 आजादी की पहली क्रांति के महानायक मंगल पांडेय की जन्म तारीख को विकिपीडिया पर सुधरवाने के लिए जुलाई 2020 में भी बलिया के लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की थी। राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने भी सभी को आश्वसत किया था कि उनके जन्म की तारीख को सुधरवाया जाएगा लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो सका है।
शिलापट्ट पर अंकित मंगल पांडेय का विवरण
माता का नाम–श्रीमति जानकी देवी
जन्मस्थान–नगवां, बलिया
जन्मतिथि–30 जनवरी 1831
शहादत दिवस-8 अप्रैल 1897
19वीं रेजीमेंट, 5 वीं कंपनी
सैनिक क्रमांक 1446
ऐतिहासिक विद्रोह की तिथि–29 मार्च 1857
मंगल पांडेय की जन्म तारीख पर बाेले बलिया वासी
नगर के निवासी साहित्यकार शिवकमार कौशिकेय कहते मंगल पांडेय पर एक पुस्तक लिखे हैं, क्रांति के प्रथम नायक मंगल पांडेय, उसमें साक्ष्यों के आधार पर ही उनकी जन्म तारीख 30 जनवरी दर्ज किए है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 6 की पाठ्यपुस्तक महान व्यक्तित्व में भी मंगल पांडेय की जयंती 30 जनवरी 1831 है। सूचना विभाग की पुस्तक बलिया दर्शन में भी 30 जनवरी ही जन्मतिथि दर्ज है। 30 जनवरी को ही बलिया में वर्षों से आयोजन होते आ रहे हैं, फिर गुगल सहित विभिन्न वेबसाइट्स पर गलत जयंती देना कहीं से भी उचित नहीं है।
विक्रमादित्य पांडेय ने 1987 में उठाया था सवाल
नगर में ही स्थापित शहीद मंगल पांडेय स्मारक समिति कदम चौराहा के अध्यक्ष शशिकांत चतुर्वेदी कहते हैं कि 1987 में विधायक रहे स्व. विक्रमादित्य पांडेय ने विधान सभा में भी इस सवाल को उठाया था। 1990 में कदम चौराहा पर मंगल पांडेय की प्रतिमा स्थापित हुई। महानायक के गांव नगवां में भी स्मारक का निर्माण सरकार की ओर से कराया गया है, उनके नाम इंटर कालेज भी है, दोनों स्थानों पर जन्म तारीख 30 जुलाई 1831 ही दर्ज है। ऐसे में उनकी जयंती को 19 जुलाई 1827 बताना इतिहास से छेड़छाड़ है।
महानायक के जीवन चरित्र से हो रहा खिलवाड़
मंगल पांडेय के गांव नगवा में स्थापित मंगल पांडेय विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक कहते हैं कि देश के इतने बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के जीवन चरित्र के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत गूगल को नहीं होनी चाहिए। इसके लिए भारत सरकार को पहल कर उनकी जयंती में सुधार करवा कर सही अंकित करवाना चाहिए। इस त्रुटि को सुधारने के लिए गुगल और विकिपीडिया को कई बार पत्र लिख गया, लेकिन आज तक उसे नहीं सुधारा गया। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं।