बलिया के सेनानियों ने सुभाषचंद्र को बनाया था कांग्रेस अध्यक्ष का उम्मीदवार। उनके बदौलत ही 1942 में बलिया से क्रांति की ज्वाला तेज हुई और बलिया देश भर में पांच साल पहले ही कुछ दिनों के लिए आजाद हो गया। क्रांति कमांडर भूपनारायण सिंह ने टीम बनाकर किया था बैरिया थाने पर हमला।
बलिया : स्वतंत्रता संग्राम में अहम किरदार निभाने वाले बहुआरा गांव के निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रांति कमांडर भूपनारायण सिंह की स्मृति दिवस पर क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुदर्शन सिंह इंटर कॉलेज बहुआरा के प्रांगण में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त भी पहुंचे थे। उन्होंने अपने संबोधन में आजादी की जंग में बहुआरा गांव के किरदार को विस्तृत तरीके से उल्लेख किया। कहा कि स्व. भूपनारायण सिंह ने क्रांति कमांडर के रूप में टीम बनाकर किया था बैरिया थाने पर हमला और अंग्रेज सिपाहियों को भारतीय ताकत का एहसास कराया था।
उन्होंने कहा कि आजादी के समय 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हो रहा था, अध्यक्ष पद के लिए गांधी जी जवाहरलाल नेहरू जैसे संयुक्त उम्मीदवार को बहुआरा गांव के सेनानी भूपनारायण सिंह सहित जिले के अनेक सेनानियों ने विरोध करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा था। उसके बाद ही सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष बनने के बाद जब सुभाष चंद्र बोस बलिया आये थे तो उन्होंने ने 1942 के आंदोलन की रूप रेखा तैयार की। उनके बदौलत ही 1942 में बलिया से क्रांति की ज्वाला तेज हुई और बलिया देश भर में पांच साल पहले ही कुछ दिनों के लिए आजाद हो गया। बलिया के आजाद की सूचना जब ब्रिटिश शासन को मिली तो संसद में बहस के दौरान कहा गया कि बलिया एक जिला नहीं, एक राष्ट्र है।
इंटर कालेज के दिए पांच लाख
सेनानी के सम्मान में सांसद ने सुदर्शन सिंह इंटर कालेज के विकास के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर पूर्व प्रमुख कन्हैया सिंह, राजनारायण सिंह, सुरेश चंद सिंह, विजय बहादुर सिंह, मंटू बिंद, गंगा सागर सिंह, रामजी पांडेय, सुरेंद्र सिंह, रामा तिवारी, दुर्गविजय सिंह झलन, आदि लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता सेनानी रामविचार पांडेय व संचालन सुनील तिवारी ने किया। अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त कार्यक्रम के आयोजक सेनानी पुत्र अजय मोहन सिंह ने किया। इसी क्रम में सांसद लालगंज में आयोजित किसान संवाद के कार्यक्रम भी शामिल हुए और किसानों को कृषि कानून के फायदे से अवगत कराया।