बलिया : उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद अन्य जिलों के साथ बलिया में भी अलर्ट जारी हुआ है। भारी मात्रा में पानी गंगा में छूट चुका है। जिला प्रशासन के मुताबिक जिले में इसको लेकर कोई खास असर नहीं होगा लेकिन एहतियात के तौर पर कदम उठाए जाएंगे। गंगा के किनारे लगभग 90 गांव हैं। इनकी आबादी लगभग दो लाख है। यहां रहने वालों के मन में भी संशय के बादल छाने लगे हैं। सिचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता भानुप्रताप सिंह ने बताया कि रविवार को दोपहर शासन से सूचना मिल गई है। आठ दिन बाद बढ़ा हुआ पानी यहां पहुंचने की उम्मीद है। नेशनल हाईवे के किनारे बने 32 किलोमीटर के बंधे को लेकर कोई खतरे जैसी बात नहीं है, फिर भी प्रशासन इस दिशा में मंथन करने लगा है। गांवों में टीमें भेजी जा सकती हैं। गंगा किनारे कोटवा नारायणपुर से लेकर जयप्रकाश नगर तक का क्षेत्र आता है।
फसलों को पहुंच सकता है नुकसान
गंगा में ज्यादा पानी आने की दशा में फसलों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इस समय गेहूं, चना, सरसों व सब्जियों की खेती की जा रही है। जलस्तर बढ़ने पर किसानों को सबसे अधिक परेशानी हो सकती है। संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर कार्य किया जाएगा।
कटानरोधी कार्य भी हो सकता है प्रभावित
बरसात के दिनों में कटान जिले की प्रमुख समस्या बन जाती है। रामगढ़ दुबेछपरा में इन दिनों कटानरोधी कार्य चल रहा है। ऐसे में अधिक पानी मुसीबत बढ़ा सकता है। बाढ़ से पहले ही कटान के हालात बन जाएंगे।
बोले अधिकारी
शासन से सूचना मिलने के बाद मंथन किया जा रहा है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक पानी की जो मात्रा बताई जा रही है उससे बाढ़ जैसे हालात नहीं बनेंगे। यह मिड रेन यानी बारिश के सीजन के बीच की स्थिति जैसा मामला है।
विपिन जैन, सीडीओ